उड़ान 5.2 के तहत वैध बोली के आधार पर हो सकता है रक्सौल और मुजफ्फरपुर हवाई पट्टियों का पुनरुद्धार : एयरपोर्ट ऑथोरिटी ऑफ इंडिया | #NayaSaveraNetwork
नया सवेरा नेटवर्क
- रक्सौल एयरपोर्ट को फंक्शनल बनाये जाने को लेकर डॉ. शलभ की मांग के आलोक में एयरपोर्ट ऑथोरिटी ऑफ इंडिया ने चौथी बार अपनी रिपोर्ट पीएमओ को सौंपी
- बिहार में रक्सौल और मुजफ्फरपुर (पताही) हवाई पट्टियां उड़ान दस्तावेज़ में असेवित हवाई अड्डों की अस्थायी सूची में उपलब्ध
भारत नेपाल सीमा पर अवस्थित अंतरराष्ट्रीय महत्व के शहर रक्सौल में करीब छः दशक से बंद पड़े एयरपोर्ट को फंक्शनल बनाये जाने को लेकर डॉ. स्वयंभू शलभ द्वारा पीएमओ से की गई मांग के आलोक में बीते 28 अगस्त को एयरपोर्ट ऑथोरिटी ऑफ इंडिया ने अपनी अद्यतन रिपोर्ट सौंपी है।
उक्त रिपोर्ट में एएआई ने बताया है कि बिहार में रक्सौल और मुजफ्फरपुर (पताही) हवाई पट्टियां उड़ान दस्तावेज में असेवित हवाई अड्डों की अस्थायी सूची में उपलब्ध हैं। पाँच दौर की बोली पूरी होने तक किसी भी एयरलाइन बोलीदाता ने रक्सौल और मुजफ्फरपुर (पताही) हवाई पट्टियों से आरसीएस उड़ान संचालित करने का प्रस्ताव प्रस्तुत नहीं किया है। इसलिए उड़ान योजना के तहत हवाई पट्टियों को उनके पुनरुद्धार के लिए नहीं लिया जा सका है।
एएआई ने आगे बताया है कि यदि कोई एयरलाइन उड़ान 5.2 के तहत मौजूदा दौर में रक्सौल और मुजफ्फरपुर (पताही) हवाई पट्टियों से जुड़ने वाले मार्गों के लिए वैध बोली प्रस्तुत करती है तो उस पर उड़ान योजना के प्रावधानों के अनुसार विचार किया जाएगा।
आगे बताया है कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने क्षेत्रीय हवाई कनेक्टिविटी को सुविधाजनक / उत्साहित करने और जनता के लिए हवाई यात्रा को किफायती बनाने के लिए 21-10-2016 को क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना (आरसीएस) - उड़ान (उड़े देश का आम नागरिक) योजना शुरू की। उड़ान एक मांग-संचालित योजना है जिसमें एयरलाइन ऑपरेटर किसी विशेष मार्ग पर परिचालन की व्यवहार्यता का आकलन करते हैं और समय-समय पर योजना के तहत बोली लगाते हैं। एयरलाइनों का चयन पारदर्शी बोली प्रक्रिया के माध्यम से किया जाता है। उड़ान योजना के प्रावधानों के अनुसार, असेवित और कम सेवित हवाई अड्डों का पुनरुद्धार / उन्नयन एक वैध बोली के जरिये चयन होने पर और एसएओ (सेलेक्टेड एयरलाइन ऑपरेटर) द्वारा अवार्ड किये जाने पर किया जा सकता है।
विदित है कि डॉ. शलभ ने राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से इस एयरपोर्ट को अति महत्वपूर्ण बताते हुए इसे शीघ्र फंक्शनल बनाये जाने की अपील पीएमओ और एयरपोर्ट ऑथोरिटी ऑफ इंडिया से की थी।डॉ. शलभ की अपील के आलोक में एयरपोर्ट ऑथोरिटी ऑफ इंडिया द्वारा अब तक चार बार रक्सौल एयरपोर्ट की स्टेटस रिपोर्ट पीएमओ को सौंपी जा चुकी है। नागर विमानन मंत्रालय (भारत सरकार) के राज्यमंत्री जनरल डॉ. वी. के. सिंह भी डॉ. शलभ को भेजे अपने मेल संदेश में इस हवाई अड्डे को लेकर सकारात्मक संकेत दे चुके हैं। इसे पूरे मामले को डॉ. शलभ द्वारा केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के संज्ञान में भी दिया जा चुका है।
इस कड़ी में 'पीएम पैकेज बिहार- 2015' में आबंटित 250 करोड़ की राशि का उपयोग रक्सौल एयरपोर्ट के विकास में किये जाने और एयरपोर्ट ऑथोरिटी ऑफ इंडिया द्वारा 121 एकड़ की अतिरिक्त भूमि के आबंटन की मांग जो बिहार सरकार से की गई उसे यथाशीघ्र उपलब्ध कराये जाने हेतु डॉ. शलभ ने माननीय मुख्यमंत्री के साथ लगातार पत्राचार किया है जिसे मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा क्रमशः गृह सचिव, कैबिनेट सचिव, मुख्य सचिव व प्रमुख सचिव (संसदीय कार्य) को भेजा जा चुका है।
इस विषय में डॉ. शलभ ने कहा कि रक्सौल में एयरपोर्ट की अनिवार्यता काफी समय से बनी हुई है। भारत नेपाल के इस सीमा द्वार पर स्थित इस क्षेत्र में व्यवसायिक रूप से भी एयरपोर्ट की असीम संभावनाएं हैं। वर्षों से बंद पड़े इस एयरपोर्ट को एयरलाइन हब के रूप में विकसित करके घरेलू व अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का प्रमुख केंद्र बनाया जाना आवश्यक है। यह एयरपोर्ट राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण सिद्ध होगा।
![]() |
Advt. |
![]() |
Advt. |