नया सवेरा नेटवर्क
जौनपुर। रामपुर थाना क्षेत्र के धनुआ गांव का सनसनी खेज मामला प्रकाश में आया है।
302 का नामजद मुकदमा दर्ज होने के बाद भी पुलिस अभियुक्तों को गिरफ्तार नहीं कर रही है। पुलिस मामले में लीपा पोती करने के फिराक में है। घटना के कई दिन बीत जाने के बाद भी नामजद अभियुक्तों की गिरफतारी न होने से रामपुर पुलिस की कार्यशैली पर उंगुली उठ रही है।
जानकारी के मुताबिक धनुआ ग्राम निवासी प्रीती तिवारी ने दर्ज एफआईआर में बताया कि उनके ससुर चंद्रमणी तिवारी उर्फ मोछा पुत्र बजरंगी तिवारी औद्योगिक क्षेत्र सिधवन में कार्बन कंपनी में प्रतिदिन विगत तीन वर्षों से 24 घंटे कार्य कर रहे थे। उक्त कंपनी के मालिक जितेंन्द्र गुप्ता उर्फ सोनू, अरविंद गुप्ता व अभिषेक गुप्ता सिविल लाइन भदोही के निवासी है। उनका आरोप है कि कई महीनों से वेतन बकाया था। घटना बीते 28 जुलाई शाम 6 बजे की है। परिजनों को यह सूचना मिली की चंद्रमणी तिवारी पिछले गेट से गिरकर घायल हो गये है। परिजन कंपनी पहुंच कर उन्हें इलाज के लिए सदर अस्पताल जौनपुर ले गये। जहां डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उनका आरोप है कि कंपनी के लोगों ने उनकी हत्या कर दी है। हालांकि पुलिस ने एफआईआर तो दर्ज कर ली है लेकिन नामजद अभियुक्तों को अभी तक गिरफ्तार नहीं कर पाई। सूत्रों की माने तो पुलिस चंद्रमणी तिवारी का बिना पोस्टमार्टम कराए अंतिम संस्कार करने के फिराक में थी। लेकिन दबाव पड़ने पर जिला अस्पताल में पोस्ट मार्टम कराया गया उसके बाद अंतिम संस्कार हुआ। आरोप यह भी है कि पुलिस नामजद अभियुक्तों को बचाने का प्रयास कर रही है।
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