व्यक्ति नहीं एक संस्था थे कबीर पुरस्कार प्राप्त जे. सी. पालीवाल! | #NayaSaveraNetwork



नया सवेरा नेटवर्क

निर्भय सक्सेना

आयु भले ही 89 के पायदान पर जा पहुंची हो पर आज भी जगदीश चंद्र पालीवाल, जिन्हे सब जे सी पालीवाल जी कहते थे, की सक्रियता किसी युवा से कम नहीं थी हां कुछ समय से बीमार थे। इलाज को बरेली आना जाना रहता था। सुबह ही उनके दिल्ली में इस नश्वर जगत को छोड़ने  की खबर से झटका लगा। और आज ही उनका पार्थिव शरीर बरेली में सिटी शमशान घाट पर पंचतत्व में विलीन भी हो गया। जगदीश चन्द्र पालीवाल जिस रास्ते चलते हैं उन्हें हर रास्ते में ‘सम्मान ही सम्मान’ ही मिलता है। चाहे वह बरेली का इण्टरनेशनल थियेटर फेस्ट हो या बरेली कल्चरल एसोशिएशन के कार्यक्रम। 

खाली बैठना तो जे. सी.  पालीवाल की आदत में ही नहीं था। बरेली में जब भी 15 अगस्त या 26 जनवरी के कार्यक्रम की तैयारी या उसके लिए बरेली कालेज से निकलने वाली छात्र-छात्राओं की परेड व रंगारंग झांकी की व्यवस्था की बात हो तो उसमें सबसे पहला नाम उभरता है जे. सी. पालीवाल का और वह अपने काम को बखूबी अंजाम भी देते रहे थे। और कोतवाली पर समापन के दौरान परेड में शामिल संस्थाओं को पुरस्कार भी दिलवाते रहे थे । 3 जुलाई 1934 में जन्में श्री जे. सी. पालीवाल अब 89 वर्ष की आयु के पड़ाव पर पहुंच गये । 

हाल ही में उनका जन्म दिन पर बरेली में सूनापन रहा था। उनकी वर्षगांठ रोटरी भवन में अच्छे स्टार पर मनाई जाती रहीं।  पर उनकी सक्रियता को सामाजिक कार्यों में भाग लेने की प्रवृत्ति में आज भी कोई कमी नहीं है भारतीय रेलवे से 31 जुलाई 1993 को बरेली से रिटायर होने के 30 वर्ष बाद आज भी वह हर सामाजिक कार्यक्रम का वीड़ा उठाने के लिए तैयार रहते हैं। जब जे. सी. पालीवाल पर लिखने का मुझे सौभाग्य मिला तब आज से 40 -45 वर्ष पूर्व अपने बचपन की याद ताजा हो गई। तब इज्जतनगर में रेलवे यूनियन के नेता रहे जे. सी. पालीवाल हर रविवार मेरे पिता स्व. श्री सुरेश चन्द्र सक्सेना (विमको) से मिलने मेरे घर आते थे और वहां बरेली के सक्रिय नेता तत्कालीन जिला कांग्रेस अध्यक्ष स्व. राम स्वरूप शुक्ला ;कत्था फैक्ट्रीद्ध जे. बी. सक्सेना ;कैम्फरद्ध चौधरी हर सहाय सिंह, पी. एल. शर्मा ;भोजीपुराद्ध गिरीश भारती एडवोकेट आदि नेताओं के साथ घंटों विभिन्न मुद्दों पर चाय पर चर्चा करते थे। 

भले ही जे. सी. पालीवाल प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू, इंद्रिरा गांधी से प्रभावित हो, उनका सामाजिक दायरा हिंदु मुस्लिम से ऊपर उठकर रहा। 13 अगस्त 1992 को भारत सरकार के ‘कबीर पुरस्कार’ से नबाजे गये जे. सी.पालीवाल को संयुक्त राष्ट्र संघ के स्टैण्ड अप प्रोग्राम में बैंकाक ;थाईलैण्डद्ध में भी अक्टूबर 2006 तथा ढाका ;बांग्ला देशद्ध के लाइफ-टाइम एचीवमेंट पुरस्कार से भी जनवरी 2016 में उन्हें पुरस्कृत किया गया था। जे. सी. पालीवाल के अनुसार उनका नाट्य क्षेत्र में युवावस्था से ही रुझान था 1952 में तिलक इंटर कालेज में ‘वीर अभिमन्यु’ का रोल अदा किया था। शिमला में भी नाटक में सूत्रधार की भूमिका अदा की। उक्त कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री बलराज साहनी व आई.एस.जौहर जैसे दिग्गज फिल्म कलाकार थे। बरेली में होने वाले नाटकों के मंचन में उनकी सक्रिय भागीदारी रही। 1956 में बनी जिला कल्चरल ऐसोसिएशन के संगठन सचिव, सचित के पद रहते हुए अब वह कई वर्षों से अध्यक्ष पद पर बिराजमान है। उन पर बरेली का कबीर पुस्तक भी गुडविन मसीह ने निकाली थी। मानव सेवा क्लब के कार्यक्रम में उनसे हमेशा में होती रही थी। । होली पर होने वाला ‘महामूर्ख सम्मेलन’ हमेशा से ही चर्चित रहा है जिसमें सभी धर्म के लोग कवि, शायर, नेता पत्रकार, डाक्टर, पत्रकार सभी भाग लेते हैं। पिछले चार दशकों से बरेली में 15 अगस्त 26 जनवरी को निकलने वाली रंगारंग झांकियां एवं परेड को वह निर्वाध गति से निकलवाते आ रहे हैं। 

इसके साथ ही देश-विदेश के नाट्य कलाकारों की भी बरेली में रंगयात्रा निकलवाने का श्रेय इन्हीं को जाता है। बरेली में एक सप्ताह तक चलने वाले इण्टरनेशनल नाट्य समारोह में वह समाज के हर वर्ग को जोड़कर विदेशी कलाकारों को बरेली बुलाते हैं। यह बात अलग है इस भाग-दौड़ वाले टीवी मोबाइल वाले युग में युवाओं का नाटकों के प्रति मोह कम हो रहा है पर इसके बाबजूद जे. सी. पालीवाल इस नाट्य कला को जीवनदान देने के लिए रेलवे के इंजीनियर पद से रिटायर साथी बी.एस. सक्सेना उर्फ मुनमुन जी, मो. नवी एवं अन्य साथियों के साथ सारा बोझ अपने कंधों पर ही उठाये रहते हैं और साथियों का उत्साह बढ़ाते हुए कहते हैं तुम चिंता मत करो, केवल काम पर ध्यान दो सारी व्यवस्था हो जायेंगी। श्री पालीवाल जी का कहना है कि आलोचना तो हर कोई करता है पर अगर आप अपने काम के प्रति ईमानदार व जागरूक हैं तो आप पर कोई आंच नहीं आ सकती। 

उनपर कुछ लोगों ने सांस्गकृतिक माफिया होने तक के आरोप लगाये पर विरोधी अपने काम में सफल नहीं हो सके। 4 मई 1958 को श्रीमती संतोष पालीवाल के साथ राजस्थान में विवाह बंधन में बंधे श्री जे. सी. पाली वाल दो विवाहित पुत्रियों एवं पुत्र संजीव पालीवाल का भरा पूरा परिवार पीछे छोड़ गए हैं। इनके पुत्र संजीव पालीवाल दैनिक जागरण, अमर उजाला से होकर टी.वी. चैनल आईवीएन 18 के बाद ‘आज तक’ चैनल में साहित्य तक में संपादकीय विभाग में उच्च पद पर आसीन हैं। इसके साथ ही जे. सी. पालीवाल गढ़ैया क्षेत्र में एक मांटेसरी स्कूल के साथ इंग्लिश मीडियम आवासीय स्कूल का भी संचालन कर रहे है। मैंने श्री पालीवाल जी के पुत्र संजीव पालीवाल को उनके निवास पर जाकर ढाढस बंधाया।

निर्भय सक्सेना

113, बजरिया पूरनमल, पटवागली कार्नर बरेली-243003।


*प्रवेश प्रारम्भ-सत्र 2023-24 | निर्मला देवी फार्मेसी कॉलेज |(AICTE, UPBTE & PCI Approved) | Mob:- 8948273993, 9415234998 | नयनसन्ड, गौराबादशाहपुर, जौनपुर, उ0प्र0 | कोर्स - B. Pharma (Allopath), D. Pharma (Allopath) | द्विवर्षीय पाठ्यक्रम योग्यता, योग्यता - इण्टर (बायो/मैथ) And प्रवेश प्रारम्भ-सत्र 2023-24 | निर्मला देवी पॉलिटेक्निक कॉलेज | नयनसन्ड, गौराबादशाहपुर, जौनपुर, उ0प्र0 | ● इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग | ● इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग | ● सिविल इंजीनियरिंग | ● मैकेनिकल इंजीनियरिंग ऑटो मोबाइल | ● मैकेनिकल इंजीनियरिंग प्रोडक्शन | ITI अथवा 12 पास विद्यार्थी सीधे | द्वितीय वर्ष में प्रवेश प्राप्त करें। मो. 842397192, 9839449646 | छात्राओं की फीस रु. 20,000 प्रतिवर्ष |  #NayaSaberaNetwork*
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