नया सवेरा नेटवर्क
वाराणसी। भारत में डीएनए फिंगर प्रिंटिंग के जनक और बीएचयू के 25वें कुलपति पद्मश्री डॉ. लालजी सिंह को बुधवार को उनकी जयंती पर याद किया गया। विज्ञान संस्थान की ज्ञान प्रयोगशाला में छात्रों और अध्यापकों ने डॉ. सिंह के चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्प अर्पित किया। संगोष्ठी में प्रो. ज्ञानेश्वर चौबे ने भारत में फोरेंसिक साइंस में किए गए उनके असाधारण कार्यों की चर्चा की।
उन्होंने नैना साहनी हत्याकांड में डॉ. सिंह की फोरेंसिक जांच प्रक्रिया को भी सिलसिलेवार बताया। बताया कि देश के सबसे चर्चित राजीव गांधी मर्डर केस, नैना साहनी मर्डर, स्वामी श्रद्धानंद, सीएम बेअंत सिंह, मधुमिता हत्याकांड और मंटू मर्डर केस को डॉ. लालजी सिंह ने डीएनए फिंगर प्रिंट तकनीक के जरिए सुलझाया था। उन्होंने बताया कि 26 अगस्त 2011 से अगस्त 2014 तक बीएचयू के कुलपति के रूप में उन्होंने वेतन के रूप में सिर्फ एक रुपया लिया।
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