गाजीपुर: चकेरी धाम आदि शक्ति मां दुर्गा मंदिर श्रद्धालुओं के आस्था का केन्द्र, मत्था टेकने से मनोकामना होती है पूर्ण | #NayaSaveraNetwork
नया सवेरा नेटवर्क
- चकेरी धाम पर गाजीपुर व अन्य जिलों और राज्यों से दर्शन को आते हैं श्रद्धालु
रामपुरमाँझा, गाजीपुर। स्थानीय क्षेत्र के चकेरी उपरवार गाँव में गंगा के तट पर स्थित प्रसिद्ध चकेरी धाम आदि शक्ति मां दुर्गा मंदिर श्रद्धालुओं के आस्था का केन्द्र है। ऐसी मान्यता है जो भी श्रद्धालु मत्था टेककर पूजन- अर्चन करते हैं उसकी मनोकामना अवश्य पूर्ण होती है। यहां पर हमेशा श्रद्धालुओं की भीड़ लगती है। लेकिन नवरात्र में गैर जिले व राज्य के श्रद्धालु भी आते हैं।
- चकेरी धाम पर पहुँचने के लिए
चोचकपुर-सैदपुर मार्ग से एक किमी दक्षिण व गाजीपुर- वाराणसी मार्ग से पियरी धरवा होते हुए धाम तक पहुंचा जा सकता है। देवकली से करीब पांच किमी दक्षिण गंगा के किनारे धाम स्थित है। जिला मुख्यालय से धाम की दूरी 30 किमी है।
- धाम का इतिहास
प्राचीन मंदिर के समीप गंगा के किनारे महाभारत कालीन एक पोखरा है। जिसमें गंगा का पानी सदैव चक्कर काटता रहता है। उसका गहराई नापने का कई बार प्रयास किया गया परंतु पता नहीं चला। जो भी वस्तु डाली जाती है उसका पता नहीं चलता है। दो दशक पूर्व चकेरी धाम उस समय सुर्खियों मे आया जब महंत संत त्रिवेणी दास महाराज मंदिर का निर्माण कराकर जयपुर से नौ कुन्तल वजन की संगमरमर की भव्य मूर्ति मंगाकर स्थापित किए।
- धाम की विशेषता
पर्यटक केंद्र के रूप में विकसित कराकर भव्य रूप दिया जा सकता है। मां गंगा के किनारे होने से धाम का विशेष महत्व है। प्रत्येक वर्ष नवरात्र व श्रावण मास में दर्शन करने के लिए भीड़ लगती है। रामनवमी को मेला लगता है।बगल में राम, लक्ष्मण, मां सीता सहित हनुमान का प्राचीन मंदिर है।यह एक सिद्ध स्थल है। धाम पर पहुंचने पर सुख व शांति का अनुभव होता है। नवरात्र में अखंड दीप जलाए जाते हैं। प्रत्येक दिन शाम में आरती होती है।
- बालक दास पुजारी
श्रद्धा व विश्वास से मां के दरबार में मत्था टेकने से मुरादें अवश्य पूरी होती हैं। पूजा-अर्चना करने से मन को शांति मिलती है।
- सफाईकर्मी नहीं आते हैं धाम पर-सिंटू यादव पूजा सामग्री विक्रेता
सिंटू यादव पूजा सामग्री विक्रेता का कहना है धाम परिसर में लगा है गंदगी का अंबार लेकिन गांव में नियुक्त सफाई कर्मचारी धाम की तरफ रुख नही करते ग्राम प्रधान भेजते तो हैं लेकिन सफाई कर्मचारी आते नहीं मंदिर के महन्थ द्वारा साफ-सफाई करवाया जाता है।