नया सवेरा नेटवर्क
मुंबई। के.सी. महाविद्यालय, हिंदी-विभाग और विश्व हिंदी शोध संवर्धन अकादमी के संयुक्त तत्वावधान में सुधाकर मिश्र कृत काव्य संग्रह ‘सूर्योदय होने तक’ का लोकार्पण समारोह के.सी. कॉलेज में आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए के. सी. महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. तेजश्री शानबाग ने उपस्थित अतिथियों का स्वागत किया। मुख्य अतिथि वैज्ञानिक डॉ. अखिलानंद पति तिवारी ने कवि सुधाकर मिश्र की कविताओं के संदर्भ में कहा कि विज्ञान और कविता दोनों ही जरूरी तथा कठिन विषयों के उद्घाटन की राह प्रशस्त करते हैं। दोनों ही मानव कल्याण के प्रति प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि कवि ने अपनी कविताओं के माध्यम से संवेदनशीलता का पाठ पढ़ाया है। मिश्र जी की इन कविताओं में नकारात्मकता के समानांतर सकारात्मक ऊर्जा का संचार है। विशेष अतिथि डॉ. विनोद कुमार मिश्र ने कहा कि वैज्ञानिक स्थूल का विश्लेषण करता है जबकि साहित्यकार सूक्ष्म भावों की अभिव्यक्ति करता है। उन्होंने कवि सुधाकर मिश्र को उल्लेखित करते हुए कहा कि वे मानव मूल्यों के पक्षधर हैं। डॉ. उमेश शुक्ल ने कवि की कविताओं में अनुस्यूत ऊर्जस्वित विचारों को रेखांकित किया। वहीं डॉ. सत्यवती चौबे ने कवि के भावों को प्रेम के संचरण के संदर्भ में उल्लेखित किया। इससे पूर्व कार्यक्रम की शुरुआत रोशनी किरण द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वंदना से हुई। संचालन डॉ. अजीत राय ने तथा आभार ज्ञापना डॉ. सुधीर चौबे ने किया। इस अवसर पर डॉ. संजय सिंह, डॉ. संतोष कौल, सुनीता मिश्रा, राम लखन, डॉ. कृष्ण कुमार मिश्र, डॉ. अवधेश राय, रामव्यास उपाध्याय, श्रीमती शर्मा, डॉ. अवनीश सिंह, डॉ. चंद्रभूषण शुक्ल, रेणु शर्मा, कुसुम तिवारी सहित अनेक गणमान्य साहित्यकार और विद्यार्थी उपस्थित थे।
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