मां की ममता | #NayaSaveraNetwork
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14 मई 2023 को मातृ दिवस है। मेरी मां का देहांत धनतेरस के दिन मेरी नजरों के सामने साइलेंट हार्ट अटैक से हुआ था,जिसका दर्द आज भी मेरे दिल से उभरता है।इस कविता के माध्यम से मैं अपने भाव प्रकट कर रहा हूं
भावनानी के भाव
मां की ममता
मां की ममता मिलती हैं सभको
कोई अच्छूता नहीं
कद्र करने की बात है
कोई करता कोई नहीं
मां वात्सल्य प्रेमामई ममता
मिलती हैं सभको कोई अच्छूता नहीं
कद्र करने की बात है,
कोई करता कोई नहीं
मां का आंचल अपने सपूतों के लिए
हरदम खुला बंद नहीं
अपनी तकलीफों दुखों से घिरी
पर ममता की छांव हटाई नहीं
चार बातें कड़वी भी सुनीं तुम्हारी
पर ममता की छांव हटाई नहीं
तुमने कद्र भले की हो या नहीं
पर मां ने ममता घटाई नहीं
हैं ऐसे भी कुछ लोग मां की ममता का
आंकलन करते नहीं
बस दिखावे में जीतें हैं मां की ममता
का सम्मान करते नहीं
समझ लो ऐसे लोगों, मां की ममता
नसीब करेगा भगवान भी नहीं
बस मां की ममता आंचल में समाए रहो
फिर पूजा पाठ की जरूरत नहीं
मां का वात्सल्य प्रेमा मई ममता
मिलती हैं सभको कोई अच्छूता नहीं
कद्र करने की बात है
कोई करता कोई नहीं
-लेखक - कर विशेषज्ञ साहित्यकार, स्तंभकार, कानूनी लेखक, चिंतक, कवि, एडवोकेट किशन सनमुख़दास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र