वाराणसी: लोक चेतना की पहल पर शासन ने जिला प्रशासन से रिपोर्ट मांगी | #NayaSaveraNetwork
नया सवेरा नेटवर्क
पशु और फ्रूट विभाग ने भेजा गोलमटोल जवाब
मांस-मंदिरा मुक्त काशी अभियान ने पकड़ा जोर
कृष्णा सिंह
वाराणसी। सामाजिक संस्था लोकचेतना के अध्यक्ष के.के. उपाध्याय के नेतृत्व में पिछले 8 माह से धर्म नगरी काशी को मांस- मदिरा मुक्त करने के बाबत चलाए जा रहे अभियान के क्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह, आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल को हाथों हाथ दिए गए पत्र में मांग की गई थी कि प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में काशी विश्वनाथ धाम को व्यापक विकसित किए जाने से उसे देखने की लालसा तथा धर्म में आस्था रखने वाले देशी विदेशी पर्यटकों का हुजूम उमड़ रहा है. वहीं काशी में जगह-जगह मांस-मदिरा की दुकानों के कारण उनकी धार्मिक भावनाएं आहत हो रही हैं. काशी की धार्मिक आध्यात्मिक सांस्कृतिक महत्ता को देखते हुए काशी क्षेत्र में पूर्ण रूप से मांस शराब की विक्री को प्रतिबंधित किया जाए जिसे गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री की तरफ से जिलाधिकारी को बकायदा पत्र जारी किया गया और इस मामले में आख्या तलब की गई। डीएम ने नगरायुक्त से रिपोर्ट तलब की, लेकिन पशु चिकित्सा अधिकारी और जिला अभिजीत अधिकारी की रिपोर्ट देखें तो इस मुद्दे के बिल्कुल उलट दी गई है. उन्होंने मीट-मांस बेचने वाले 30 प्रतिष्ठानों को नोटिस जारी कर मामले को निस्तारित दिखा दिया, जबकि पशु चिकित्सा विभाग का स्पष्ट कहना है कि काशी में किसी को मीट मुर्गा काटने बेचने का लाइसेंस जारी नहीं किया गया है सभी अवैध हैं।
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