मातृ दिवस | #NayaSaveraNetwork
नया सवेरा नेटवर्क
मातृ दिवस
नमन है तेरे चरणों में सौ सौ बार
मिले तेरा ही आंचल और सौगात
मैं कितना भी गलत हूं दुनिया में
पर तेरी नज़रों में हमेशा हूं साफ़।
जब मैं आंखे खोला तुझको ही पाया
तेरे नज़र में मैंने अपना संसार बसाया,
तूने रात भर जाग के मेरी सेवा की और मैं अभागा
तुमको वृद्धाश्रम में छोड़ आया ।
मेरी सलामती के लिए हर मंदिर
हर गुरुद्वारा पर सिर को झुकाया,
कितना भी दयावान कोई मिल जाए
पर माता तेरी जगह कोई नहीं ले पाया ।
एक मां अपने बच्चे के लिए जीवन भर कष्ट झेल लेती है,
आंच अगर जरा भी बच्चो को लगे
मां भगवान से भी झगड़ा मोल लेती है।
मां से बड़ा त्यागी इस संसार में
कोई मिलेगा नहीं
मां वह फूल है गुलशन का जो मुरझाया तो फिर खिलेगा नहीं।
मां अपने ही छाव में हमे रखना
यही हमारी कामना है,
तुम हो तो जीवन है वरना जीवन को सांप के समान पालना है।
कभी तुम्हारी हस्ती को कोई
मिटा नहीं पाएगा ,
घर में मां ही नाखुश है तो मंदिर के मां से वह क्या पाएगा??
मातृ दिवस की सभी माता को बंधाई हो।
–रितेश मौर्य
जौनपुर, उत्तर प्रदेश