नया सवेरा नेटवर्क
जौनपुर। इस दौरान साइबर विशेषज्ञ ओम प्रकाश जायसवाल ने बताया कि गिरफ्तार साइबर जालसाज मुख्यत: चार टीम बनाकर साइबर अपराध को अन्जाम देते हैं। एक टीम अलग-अलग लोगों के खाते खुलवाती है जिनका उपयोग ठगी कर पैसा उन्हीं खातों में मंगाया जाता है। इनको प्रत्येक खाता खुलवाने के लिए रूपया 9000 मिलता है जिसमें से ये अपनी आईडी पर खुलवाने वाले व्यक्ति को रूपया 4000 रु पये मिलते हैं। एक टीम द्वारा फर्जी सिम प्रदान किया जाता है जिसमें ये लोग सिम दूसरों के नाम पर एक्टीवेट करके देते थे। कई बार अगर कोई नया सिम लेने आता था तो ये बहाने से कई बार फोटो व अंगूठा लगाकर एक से अधिक सिम एक्टीवेट करके देते हैं जिसका पता सिम लेनें वाले व्यक्ति को भी नहीं होता। सिम प्राप्त कराने वाले व्यक्ति को रूपया 1000 प्रति सिम कार्ड के हिसाब से मिलता है। एक टीम विभिन्न खातों के एटीमएम कार्ड व विभिन्न सिम मुख्य टीम को देते थे जिसके बदले उन्हें खाते के लिये 9000 रु पये प्रति खाते व सिम कार्ड के लिये 1500 रु पये प्रति सिम के हिसाब से मिलता था। इस टीम द्वारा एटीएम का उपयोग कर पैसा भी विभिन्न जगहों से निकालकर कैश कर लिया जाता था। यह वह टीम है जो इस गिरोह का सरगना होता है। इस टीम द्वारा लोगों को फोन काल करके उनको झांसे में लेकर खाते की डिटेल प्राप्त कर/मोबाइल से ओटीपी आदि प्राप्त कर आम लोगों के खाते से पैसा उड़ाना एवं उपरोक्त तीन टीमों द्वारा प्राप्त खातों/सिम कार्ड का प्रयोग कर फ्राड किये गये पैसों को नकदी में बदलना एवं उक्त टीमों को उनके हिस्से का पैसा नकद में प्रदान करना है।
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