नया सवेरा नेटवर्क
शाहगंज जौनपुर। ग्राम न्यायालय के न्यायाधिकारी ने घरेलू हिंसा और दहेज उत्पीड़न से पीडि़त विवाहिता को राहत पहुंचाते हुए पति और ससुराल वालों को भरण पोषण के लिए सात हजार रु पया प्रति महीने देने का आदेश दिया है। इसके अलावा तीन महीने के अंदर पीडि़ता को दो लाख रु पए हर्जाना देने का भी आदेश दिया है। जानकारी के मुताबिक खेतासराय थाना क्षेत्र के लखमापुर गांव निवासी कि·ारी बेगम की शादी 11 वर्ष पूर्व में खेतासराय थाना क्षेत्र के जमदरा गांव निवासी मरहूम शमीम के बेटे मोहम्मद शोएब से हुई थी। कि·ारी बेगम के मुताबिक शादी के बाद से ही ससुराल वाले उससे फ्रीज, कूलर, वासिंग मशीन और एक मोटरसाइकिल की मांग करते थे। जिसके लिए उसका तरह तरह से उत्पीड़न करते थे। घर वालों के समझाने बुझाने के बाद वह अपने ससुराल पुन: चली गई। कि·ारी बेगम को अपने पति से एक बेटा भी हुआ लेकिन ससुराल वालों का उत्पीड़न नहीं रु का। 28जुलाई 2013 में विदेश रह रहे कि·ारी के पति शोएब से ससुराल वालों ने फोन पर बात कर पुन: दहेज़ की मांग कि·ारी बेगम से करने लगे पिडिता के मना करने पर ससुराल पक्ष ने पिडिता के उपर मिट्टी का तेल छिड़ककर मारने की भी कोशिश की। खबर मिलने पर पहुंचे कि·ारी बेगम के मायके वालों ने निजी अस्पताल में इलाज कराया। ससुराल वालों की मिन्नतों की वजह से उसकी पुलिस में शिकायत नहीं की। बावजूद इसके कुछ दिन बाद फिर से ससुरालीजन द्वारा उत्पीड़न होने लगा। ससुराल वालों ने कि·ारी बेगम का सारा स्त्रीधन छीनकर बच्चे के साथ बेघर कर दिया। तब से वो अपने ससुराल में ही रह रही है। पति समेत ससुराल वालों ने उसकी एक बार भी सुध नहीं ली। सारा मामला व जिला संरक्षण अधिकारी की आख्या सुनने के बाद ग्राम न्यायाधिकारी दिनेश कुमार दिवाकर ने पीडि़ता को ससुराल में पुरानी जगह देने का आदेश दिया। इसमें दिक्कत पैदा करने वाले शख्स को निकाल देने की बात की। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि ऐसा नहीं होने पर विवाहिता को किराए के मकान में रखा जाए और उसका पति किराए के एवज में चार हजार रु पए प्रति माह पीडि़ता को दे। इसके अलावा पीडि़ता को सात हजार रूपए यानी कुल 11 हजार रु पए प्रतिमाह अदा किया जाए। न्यायाधिकारी ने हरजाने के तौर पर ससुराल वालों को दो लाख रु पए तीन माह के भीतर पीडि़ता को देने का आदेश दिया।
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