नया सवेरा नेटवर्क
- गुरु की याद में बनाई दो मंजिली लाइब्रेरी
मुंबई. गुरु -शिष्य के संबंध को शास्त्रों -पुराणों से लेकर आजतक व्याख्यायित किया जाता है। दृष्टांतों, उदाहरणों के माध्यम से गुरु के ज्ञान तथा शिष्य की ग्रहणशीलता की विवेचना की गई है। वर्तमान समय में जब गुरु -शिष्य के बदले शिक्षक-विद्यार्थी की अवधारणा प्रबलतर हुई है, गुरु -शिष्य की अवधारणा से लोग विमुख होने लगे हैं। तकनीकी शिक्षा प्राप्त कर शिष्य, गुरु से स्वयं को अधिक जानकार मानने लगे हैं। ऐसे समय में जब कोई शिष्य अपने गुरु का स्मरण करते हुए उनके ज्ञान, व्यवहार, अनुशासन और प्रस्तुति को रूपाकार करने का बीड़ा उठाए तो निश्चित रूप से सुखद आश्चर्य की अनुभूति होती है।
कुछ ऐसा ही उल्लेखनीय कार्य किया है विलेपार्ले पूर्व स्थित बी.एल. रुइया हाईस्कूल के पूर्व प्राचार्य स्व. इंद्रबहादुर सिंह के शिष्य पूर्व राज्यमंत्री श्री अमरजीत मिश्र ने. श्री सिंह ने अपने गुरु की याद में तथा उनके विजन को ध्यान में रखकर मीरा भायंदर जैसे शिक्षा के क्षेत्र में लगभग उपेक्षित विद्यार्थियों के ज्ञान, कौशल और कैरियर की सीधी रेखा से जोड़ने के उद्देश्य भायंदर पूर्व स्थित न्यू गोल्डन नेस्ट, गैस गोदाम के पास ‘प्राचार्य डॉ. इंद्रबहादुर सिंह लाइब्रेरी’ का निर्माण कराया है. इस दो मंजिली लाइब्रेरी के संचालन का दायित्व श्री मिश्र ने अपनी संस्था ‘अभियान’ को सौंपा है। इस लाइब्रेरी में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले विद्यार्थियों की पूरी सुविधा की व्यवस्था का ध्यान रखा गया है।
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