नया सवेरा नेटवर्क
जौनपुर। सिविल जज सिडि/प्रभारी सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने अवगत कराया है कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली व उप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ के निर्देशानुसार एवं श्रीमती वाणी रंजन अग्रवाल, जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के संरक्षण में 13 मई को प्रस्तावित राष्ट्रीय लोक अदालत में परिवार न्यायालयों में लम्बित अधिकतम वादों के निस्तारण के सम्बन्ध में विचार-विमशर््ा हेतु श्रीमती रीता कौशिक, प्रधान न्यायाधीश, परिवार न्यायालय, की अध्यक्षता एवं श्रीमती ज्योति अग्रवाल सिविल जज सिडि /प्रभारी सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के संयोजन में उनके विश्राम कक्ष में प्री-ट्रायल की तृतीय बैठक आहूत की गयी। बैठक में श्रीमती रीता कौशिक, प्रधान न्यायाधीश, परिवार न्यायालय, द्वारा समस्त अपर प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायाधीश को आगामी लोक अदालत में अधिकतम मामलों के निस्तारण हेतु वादों को चिन्हित करने एवं पक्षकारों को समन/नोटिस प्रेषित कर लोक अदालत में वादों के निस्तारण के लाभों को बताते हुए पक्षकारों को प्रेरित किये जाने हेतु निर्देशित किया गया। सिविल जज सिडि प्रभारी सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ज्योति अग्रवाल द्वारा लोक अदालत के मामलों के निस्तारण से होने वाले लाभों जैसे-निस्तारण हेतु किसी प्रकार का न्याय शुल्क देय नहीं होना, लोक अदालत में निस्तारण कर लम्बित मामलों मे न्याय शुल्क की वापसी की व्यवस्था, लोक अदालत के निर्णय के विरूद्ध कोई अपील नहीं होना बताकर लोक अदालत में अधिक से अधिक मामलों को निस्तारण करवाकर लोक अदालत को सफल बनाये जाने की अपील की गयी। इस अवसर पर विजय कुमार गुप्ता, अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय प्रथम एवं कुलदीप कुमार, अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय, तृतीय तथा परिवार न्यायालय के कांउसलर भी उपस्थित रहे।
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