ग्लोबल वाटर सिक्योरिटी रिपोर्ट 2023-जल सुरक्षा में 33 देशों का आंकलन | #NayaSaveraNetwork

नया सवेरा नेटवर्क

  • जल मानवता के लिए रक्त की तरह है 
  • अत्यधिक उपभोग,अति विकास, जल का अवहनीय इस्तेमाल व प्रदूषण, मानवीय रक्त रूपी जल को बूंद-बूंद कर सुखा रहे हैं: एडवोकेट किशन भावनानी 

गोंदिया- वैश्विक स्तरपर जल एक ऐसा मुद्दा है, जो मानवीय जीवन जीने के लिए अति ज़रूरी तत्व है, जिसके बिना मानवीय जीवन की कल्पना तक नहीं की जा सकती क्योंकि जीवन का दूसरा नाम जल है इसीलिए कहा जाता है जल ही जीवन है। हालांकि वैश्विक स्तरपर जल का सुरक्षित उपयोग करने की अनेक हिदायतें दी जाती है, यहां तक कि संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी जल के अत्यधिक उपयोग, अति विकास, जल का अवहनीय इस्तेमाल व प्रदूषण से जल को बचाने के लिए समय समय पर अनेक जन जागरण अभियान से कार्यक्रमों का आयोजन किया है।परंतु हम मानवीय जीव है कि इसे गंभीरता से नहीं लेते हैं।

अभी हाल ही में ग्लोबल वाटर सिक्योरिटी रिपोर्ट 2023 नाम से 33 देशों की जल सुरक्षा का आंकलन किया गया है, जिसमें 70 फ़ीसदी से अधिक लोगों के पास साफ़ पानी की पहुंच नहीं है, जिसकी चर्चा हम नीचे करेंगे। उसी तरह संयुक्त राष्ट्र जल पर्यावरण और स्वास्थ्य संस्थान तथा यूनेस्को एवं संयुक्त राष्ट्र जल सम्मेलन 2023 में भी जल पर चिंता व्यक्त कर सुरक्षा के उपाय साझा किए गए थे, 

जिसमें जल के लिए साझेदारी और सहयोग मुख्य था। चूंकि ग्लोबल वाटर सिक्योरिटी रिपोर्ट-2023 जलसंबंधी गंभीर ध्यान आकर्षित कर रहा है इसीलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे, जल मानवता के लिए रक्त की तरह है। 

साथियों बात अगर हम ग्लोबल वाटर सिक्योरिटी रिपोर्ट 2023 की करें तो, इस नाम से एक ऐसी रिपोर्ट जारी की गई है जिसमें आने वाले समय में पानी के गंभीर संकट की ओर इशारा किया गया है।इस रिपोर्ट में तीन अलग -अलग भौगोलिक क्षेत्रों के 33 देशों की जल सुरक्षा को लेकर आकलन किया गया है और बताया गया है कि कहां कहां पानी की भारी किल्लत है और कहां कहां पानी की स्थिति अच्छी है। पानी के लिहाज से असुरक्षित देशों के बारे मेंरिपोर्ट में कहा गया है कि चार में से तीन लोग वर्तमान में पानी के लिहाज से असुरक्षित देशों में रहते हैं। इन देशों में पाकिस्तान समेत सोलोमन द्वीप, सूडान,इथियोपिया,अफगानिस्तान, जिबूती, हैती, पापुआ न्यू गिनी शामिल हैं। 

सोमालिया, लाइबेरिया सेंट किट्स और नेविस, लीबिया, मेडागास्कर, दक्षिण सूडान, माइक्रोनेशिया, नाइजर, सिएरा लियोन, यमन, चाड, कोमोरोस और श्रीलंका की हालत भी ठीक नहीं है। रिपोर्ट के अनुसार जल कार्रवाई दशक (2018-2028) और सतत विकास के लिए 2030 एजेंडा के माध्यम से 186 देशों में 7.8 अरब लोगों को प्रभावित करने वाली जल सुरक्षा की स्थिति की बहुआयामी योजना प्रस्तावित है। जाहिर है ये रिपोर्ट बहुत ही भयावह आंकड़े दर्शाती है। 

दुनिया सभी के लिए स्वच्छ पानी और स्वच्छता के लिहाज से बहुत दूर है। दुनिया की आबादी के 78 फीसदी लोग वर्तमान में पानी की कमी वाले देशों में रहते हैं। इससे पहले संयुक्त राष्ट्र जल, पर्यावरण और स्वास्थ्य संस्थान की एक रिपोर्ट में पाकिस्तान समेत 22 ऐसे देशों के बारे में आकलन किया गया था जहां पानी की कमी से पैदा होने वाले खतरे के प्रति आगाह किया गया था। बताया गया था कि इन देशों में पानी धरती के काफी नीचे चला गया है और लोगों को साफ पानी मयस्सर नहीं है। 

यूएन यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट में यह कहा गया था कि संयुक्त राष्ट्र के जल विशेषज्ञों ने विश्व के जल संसाधनों के सबसे हालिया आकलन किया है, जिससे पता चला है कि स्वच्छ पेयजल आज भी दुनिया के आधे से अधिक लोगों के लिए एक सपना है। वैश्विक आबादी के 70 फीसदी से अधिक लोगों के पास साफ पानी की पहुंच नहीं है। ये देश पानी के लिहाज से हैं सुरक्षित। वैश्विक जल संकट के बीच कुछ देश ऐसे भी हैं जिन्हें रिपोर्ट में सुरक्षित बताया गया है, इनमें डेनमार्क, लक्समबर्ग, ऑस्ट्रिया  नॉर्वे, स्विट्जरलैंड, फिनलैंड, आइसलैंड, आयरलैंड, फ्रांस, लिथुआनिया, ग्रीस, जर्मनी, यूके, एस्टोनिया, इटली, लातविया स्पेनस्लोवाकिया,स्लोवेनिया,क्रोएशिया, चेकिया, हंगरी, पुर्तगाल हैं।

अमेरिका में जल-सुरक्षा के लिहाज एकमात्र कनाडा सबसे बेहतर है. एशिया प्रशांत क्षेत्र में जल-सुरक्षित देशों में न्यूजीलैंड साइप्रस ऑस्ट्रेलिया, जापान, इज़राइल,कुवैत,और मलेशिया शामिल हैंं, लेकिन खास बात ये कि इसमें भारत का नाम नहीं है। भारत उन देशों की सूची में भी नहीं है जहां पानी का संकट है। 

साथियों बात अगर हम संयुक्त राष्ट्र विश्व जल विकास रिपोर्ट 2023 की करें तो, संयुक्त राष्ट्र ने अपनी रिपोर्ट में चौंकाने वाले आंकड़े पेश किए हैं। संयुक्त राष्ट्र की इस रिपोर्ट के मुताबिक, 2050 में दुनिया की 1.7 से 2.40 अरब शहरी आबादी जल संकट से जूझ सकती है, जिसका असर सबसे ज्यादा भारत भारतवासियों पर पड़ने की आशंका है। 

रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2016 में 93.3 करोड़ शहरी आबादी जल संकट से जूझ रही थी। संयुक्त राष्ट्र जल सम्मेलन -2023 से पहले मंगलवार (21 मार्च, 2023) को संयुक्त राष्ट्र विश्व जल विकास रिपोर्ट 2023: जल के लिए साझेदारी और सहयोग’ शीर्षक से जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि एशिया में करीब 80 प्रतिशत आबादी जल संकट से जूझ रही है, खासतौर पर पूर्वोत्तर चीन, भारत और पाकिस्तान। 

साथियों बात अगर अब यूनेस्को महानिदेशक के बयान की करें तो, उन्होंने कहा,वैश्विक संकट के नियंत्रण से बाहर जाने से पहले मजबूत अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था तत्काल स्थापित करने की जरूरत है। रिपोर्ट के मुताबिक वैश्विक स्तर पर दो अरब लोगों को सुरक्षित पेयजल उपलब्ध नहीं है और 3.6 अरब आबादी के पास सुरक्षित स्वच्छता व्यवस्था नहीं हैं।अनिश्चितता बढ़ रही है। 

उन्होंने कहा,अगर आपने समाधान नहीं किया तो निश्चित तौर पर वैश्विक संकट होगा। संयुक्त राष्ट्र के ने रिपोर्ट में कहा कि जल मानवता के लिए रक्त की तरह है। यह लोगों और धरती के जीवन और स्वास्थ्य, विकास और समृद्धि के लिए आवश्यक है। उन्होंने चिंता जताई कि मानवता खतरनाक रास्ते पर चल रही है। 


साथियों बात अगर हम जल के महत्व की करें तो, जल एक ऐसा अति महत्वपूर्ण मुद्दा है जो सबको प्रभावित करता है। संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देश, सरकारें और हितधारक जब अपने जल संकल्पों की घोषणा करने की तैयारी कर रहे हैं, तो संयुक्त राष्ट्र, सर्वजन से अपनी ख़ुद की कार्रवाई के लिए भी पुकार लगा रहा है। कोई भी कार्रवाई,छोटी या बड़ी,  परिवर्तन में तेज़ी लाने और लक्ष्यों व टिकाऊ विकास लक्ष्य-6 की प्राप्ति की दिशा में, मददगार साबित हो सकती है।

यहाँ कुछ सरल उपाय हैं जिन्हें हम अपनी दैनिक दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं। नहाने में कम पानी प्रयोग करें और अपने घर में भी पानी की बर्बादी कम करें। घरों में बर्बाद होने वाले पानी की लगभग 44 प्रतिशत मात्रा को सुरक्षित रूप से पुन: प्रयोग के लिए, उपचारित नहीं किया जा रहा है, ऐसे में नहाने में कम पानी प्रयोग से, इस अमूल संसाधन की बड़ी बचत हो सकती है।पानी की बचत के कुछ नुस्ख़े-स्थानीय नदियों, झीलों, या आर्द्रभूमियों के सफ़ाई अभियानों में शिरकत करें। 

पेड़ लगाएँ या अपना एक जल उपवन बनाएँ, ऐसा करने से जल पारिस्थितिक तंत्र को प्रदूषण से बचाने में सहायता मिल सकती है, बाढ़ का जोखिम कम हो सकता है और कुशलतापूर्वक जल संचय किया जा सकता है।शौचालय, स्वच्छता और माहवारी के बीच आपसी सम्बन्ध के बारे में जागरूकता फैलाएँ। अपने स्थानीय समुदाय, स्कूल या कार्यस्थल में ऐसे तथाकथित निषिद्ध विषयों पर बातचीत शुरू करके, दकियानूसी सोच को तोड़ें।एसडीजी-6 के लक्ष्यों और उद्देश्यों के बारे में ज़्यादा जानकारी हासिल करें और स्थानीय व राष्ट्रीय स्तर पर समाधानों की हिमायत करना जारी रखें। जल सम्बन्धित अभियानों का समर्थन करें, और ऐसे अन्य तरीक़े तलाश करें, जिनसे जल संसाधनों के संरक्षण में मदद मिल सके। 

अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि ग्लोबल वाटर सिक्योरिटी रिपोर्ट 2023 - जल सुरक्षा में 33 देशों का आंकलन।जल मानवता के लिए रक्त की तरह है।अत्यधिक उपभोग,अति विकास, जल का अवहनीय इस्तेमाल व प्रदूषण मानवीय रक्त रूपी जल को बूंद-बूंद कर सुखा रहे हैं।

-संकलनकर्ता लेखक - कर विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट किशन सनमुख़दास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र


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