नया सवेरा नेटवर्क
- वीडियो वॉल के माध्यम से होगी निगरानी
नई दिल्ली। उमेश पाल अपहरण कांड में गवाही बदलने के मामले में सुनवाई पूरी हो चुकी है। इसी मामले में 28 मार्च को फैसला आना है। अतीक अहमद को लाने के लिए यूपी पुलिस अहमदाबाद की साबरमती जेल पहुंची है। माफिया अतीक अहमद को सड़क मार्ग से प्रयागराज आने में करीब 36 से 40 घंटे लगने की संभावना है।
- हाई-सिक्योरिटी बैरक में रहेगा माफिया
माफिया से नेता बने अतीक अहमद को गुजरात की साबरमती जेल से प्रयागराज जेल में शिफ्ट किया जा रहा है। प्रयागराज जेल में अतीक को हाई-सिक्योरिटी बैरक में आइसोलेशन में रखा जाएगा। उस पर निगरानी के लिए सेल में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। जेल कर्मचारियों को उनके रिकॉर्ड के आधार पर चुना और तैनात किया जाएगा, उनके पास बॉडी वियर कैमरे भी होंगे, जो अतीक की हर एक हरकत को रिकॉर्ड करेंगे।
प्रयागराज जेल मुख्यालय वीडियो वॉल के जरिए 24 घंटे माफिया पर निगरानी करेगा। अतीक को साबरमती जेल से शिफ्ट करने पर मीडिया से डीजी आनंद कुमार ने कहा- प्रयागराज जेल में सभी व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए डीआईजी जेल मुख्यालय भेजा जा रहा है।
बता दें कि 28 मार्च को उमेश पाल अपहरण कांड में अदालत का निर्णय आना है। बताया जा रहा है कि उसी मामले में अतीक का प्रोडक्शन वारंट अदालत से जारी हुआ है और पुलिस उसे लेने अहमदाबाद पहुंची है।
- 2006 में हुआ था उमेश पाल का अपहरण
राजू पाल हत्याकांड के अगले साल 28 फरवरी 2006 को उमेश पाल का अपहरण कर अतीक अहमद के कर्बला स्थित कार्यालय ले जाया गया था। आरोप है कि अतीक और अशरफ ने राजू पाल हत्याकांड में गवाही बदलने के लिए उमेश पाल को धमकाया और दूसरे दिन एक मार्च 2006 को अदालत में ले जाकर अपने पक्ष में गवाही दर्ज करा ली थी।
उस वक्त यूपी में सपा सरकार थी। तब उमेश पाल की शिकायत पर पुलिस ने मुकदमा नहीं लिखा। अगले साल मई 2007 में प्रदेश में बसपा सरकार बनने पर उमेश पाल की शिकायत पर अतीक और अशरफ के खिलाफ अपहरण कर गवाही बदलने के लिए धमकाने का केस लिखा गया। उसी मामले में अदालत में सुनवाई पूरी हो चुकी है और अब 28 मार्च को अदालत में निर्णय आना है।
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