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होली
उड़ रहल बा रंगवा हजार रंग के
गोरी खेले दा होली तोहार संग में,
उड़ रहल........... रंग के।
ले आवा गुजिया पापड़ हम खाईब पेट भर के ,
तोहके रंग देब रंग्वा डिज़ाइन करके ।
उड़ी गुलाल मुट्ठी भर भर के ।
उड़ रहल बा ....... रंग के
लेके अबीरा आवा हे गोरी
अनेक रंग में सजल बा कटोरी
रंगवा ला सबसे थोड़ी ही थोड़ी।
मनावा होली परिवार के संग में
उड़ रहल बा ............ रंग के ।
प्रेम से मनाओ होली
सबका ख्याल हो
न खुद करो कही गलत
न किसी से बवाल हो।
न मारब पिचकारी तोहरे अंग में
उड़ रहल बा रंगवा हजार रंग के
गोरी खेले दा रंगवा तोहार संग में।
रितेश मौर्य
जौनपुर, उत्तर प्रदेश
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