गजब का प्रपंच | #NayaSaveraNetwork
नया सवेरा नेटवर्क
आज कल हम देख रहे हैं कि जितने विपक्षी हैं सबके सब देश विरोध में जी जान से जुटे हैं|कोई कह रहा है देझ बर्वाद हो गया है|कोई कह रहा है लोकतंत्र की हत्या हो गई है|कोई जो टूटा नहीं है उसे जोड़ रहा है|
जब किसी भ्रष्टाचारी की जाँच होती है तो वह कहता है तानाशाही है हिटलरशाही है जनता की आवाज दबाई जा रही है|जब गिरफ्तारी होती है तो कहता है कि लोकतंत्र खतरे में है|अघोषित एमरजेन्सी चल रही है|जब चोरी करने के सारे रास्ते बंद किए जा रहे हैं तो कहते हैं बेरोजगारी आ गई है|जब माफियाओ व दहशतगर्दो पर कार्यवाई होती है तो कहते हैं मानवाधिकार खतरे में है|कुछ बुद्धिजीवी तो यह भी कहने में आज गुरेज नहीं कर रहे हैं कि भारत में डर लगता है|
तो बताया जाय कि नेताओं को चोरी करने की घोटाला करने की खुली छूट दी जाय|ये चाहे जितना देश को लूट सकें लूटने दिया जाय|इन पर किसी भी तरह की कार्यवाई अनुचित है|तब लोकतंत्र सुरक्षित रहेगा क्या? तब बेरोजगारी नहीं रहेगी क्या? तब आवाज बुलंद रहेगी क्या?अपराधियों गुंडो दहशतगर्दों पर कोई कार्यवाई न हो तब मानव व मानवाधिकार सुरक्षित रहेगा क्या?
गजब का नैरेटिव फैलाया जा रहा है आज हमारे आर्यावर्त में|देश की बात हो तो तानाशाही|
अपराधियों पर चाबुक चले तो हिटलरशाही|भ्रष्टाचारी नेताओं पर चाबुक चले तो लोकतंत्र खतरे में|अरे मूर्ख नेताओं अब हम भारतवासी 1950 से 80 वाले नहीं हैं 21वीं सदी में पहुँच गये हैं|और वो गाँधी ब्रांड वाली अफीम उतर चुकी है|अब हम वो तीनो बंदर भी नहीं रहे|अब हम देख भी रहे हैं बोल भी रहे हैं और सुन भी रहे हैं|
यदि आपने गुनाह नहीं किया है तो जाइए अदालत में|सड़क पर जाम लगाके क्यों हमारा और देश का नुकसान कर रहे हो|यदि सरकार गलत है तो अदालत में सरकार के खिलाफ जाइए|यदि ईडी सीबीआई गलत है तो अदालत में जाइए|वहाँ क्यों नहीं जाते|यदि नहीं जा रहे हो तो मतलब साफ है आप गलत हो|इसलिए चमचों के साथ मिलकर देश का बंटाधार कर रहे हो|
मैं जानना चाहता हूँ हम आमजन जीवन भर कमाते हैं एक घर नहीं बना पाते|आप जैसे ही विधायक सांसद बनते हो अनेको भवन बैंक बैलेंस करोड़ों में|आपके घर की महिलाएं सोने से कैसे लद जाती हैं|यह स्रोत बता दो हम मान लेंगे अदालत गलत है ईडी सीबीआई सब गलत है|जनता आपकी हुई|बस पाँच साल में कुबेर बनने का ब्योरा दे दो।
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