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श्रीमद्भागवत कथा सुनाते अखिलेश व मौजूद श्रद्धालु। |
नया सवेरा नेटवर्क
शाहगंज जौनपुर। क्षेत्र के सिधाई गांव स्थित दुर्गा मंदिर पर चल रहे श्रीमद् भागवत कथा का समापन सोमवार को हुआ। श्रीमद् भागवत कथा के अंतिम दिन भक्तों की भारी भीड़ कथा सुनने पहुंची। अंतिम दिन कथा के बीच-बीच में श्रीकृष्ण के भजनों की प्रवाहित हो रही मधुर सरिता में भक्त आनंदित होते रहे। 'कोई कहे गोविंद कोई कहे गोपाला, मैं तो कहूं सांवरिया बांसुरीवाला...भजन पर कथा सुन रहे नर-नारी उठकर झूमने को विवश हो उठे। कथाव्यास आचार्य अखिलेश मिश्रा ने कहा कि भगवान सिर्फ भक्त के प्रेम के भूखे हैं। उन्होंने दुर्योधन के छप्पन भोग का त्याग कर दिया लेकिन विदुरानी के केले के छिलके खाए थे। हजारों नौकरों के होते हुए भी भगवान श्रीकृष्ण जब बड़े हुए तो स्वयं गायों को चराने के लिए वन में गए। श्रीकृष्ण का अवतार गौमाता की महिमा का वर्णन करने के लिए हुआ है। इसीलिए वह गोपाल और गोविंद भी कहलाए। गाय का दूध, घी, गोमूत्र, गोबर आदि हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। श्रीमद् भागवत कथा के पांडाल को आकर्षक रूप दिया गया था। भगवान की मनोरम मूर्तियों और विद्युत झालरों एवं सजावट से कथास्थल की दिव्यता का स्वरूप से प्रसन्निचत होकर वहाँ पर जुटे भक्त भागवत कथा का रसपान कर रहे थे। सात दिवसीय भागवत कथा में आस-पास गांव के अलावा दूर दराज से काफी संख्या में महिला-पुरु ष भक्तों ने इस कथा का आनंद उठाया। प्रवचन के बाद भक्तों के बीच प्रसाद वितरण किया गया। इस अवसर पर उत्तराधिकारी सरस्वती पीठ गढमुक्ते·ार के विनीत शर्मा अपने मुखार बिंदु से भगवान श्रीकृष्ण की लीला का वर्णन किया। वही पंडित अमित शास्त्री जी ने कृष्ण और बहेलिया की वृतांत कथा सुनाकर श्रोताओं का मन मोह लिया। हरीप्रसाद मिश्रा राकेश मिश्रा शशांक पांडेय ने अपने ढोलक व हरमुनिया की धुन पर आए भक्तों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस मौके पर जिलेदार तिवारी, अखिलेश तिवारी, नागेन्द्र तिवारी, बीरबल तिवारी, जगदम्बा सिंह, बृजभूषण सिंह, सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहें।
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