नया सवेरा नेटवर्क
पत्रकार भवन में बैठक कर घटना की करी निन्दा
एसपी से मिलकर पत्रकारों ने की शिकायत, मिला आश्वासन
जिला प्रशासन सहित जनप्रतिनिधियों की खबरों का होगा बहिष्कार
जौनपुर। पत्रकारों के खिलाफ प्रशासन द्वारा द्वेषपूर्ण तरीके से फर्जी एससी/एसटी का मुकदमा दर्ज कराए जाने से जिले भर के पत्रकार आक्रोशित हैं। कलेक्ट्रेट परिसर स्थित पत्रकार भवन में आक्रोशित पत्रकारों ने बैठक करके घटना की कड़ी निन्दा करते हुए दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग किया। पत्रकारों ने पुलिस अधीक्षक डॉ. अजय पाल शर्मा से मिलकर मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग किया। बैठक में उपस्थित पत्रकारों ने जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों सहित सत्ताधारी नेताओं की खबरों का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। प्रशासन की शह पर पत्रकारों के खिलाफ एससी/एसटी का मुकदमा दर्ज कराने के मामले में जल्द ही जनपद के पत्रकारों का एक प्रतिनिधिमण्डल मुख्यमंत्री से मिलने लखनऊ जायेगा। ताजा प्रकरण केराकत कोतवाल अन्तर्गत पेसारा गांव का जहां स्थित अस्थायी गौशाला की सच्चाई उजागर करने पर उपजिलाधिकारी केराकत नेहा मिश्रा की शह पर ग्राम प्रधान द्वारा द्वेषपूर्ण तरीके से एससी/एसटी का मुकदमा दर्ज कराया गया है। पत्रकारों के खिलाफ फर्जी मुकदमा दर्ज कराये जाने से जिले भर के पत्रकारों में आक्रोश व्याप्त हैं। ग्राम प्रधान द्वारा दर्ज कराये गये मुकदमे को लेकर मंगलवार को जिला मुख्यालय पर सैकड़ों पत्रकार एकत्रित हुये। कलेक्ट्रेट परिसर में स्थित पत्रकार भवन में आयोजित बैठक में उक्त प्रकरण की निन्दा करते हुये इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री तक पहुंचाने का निर्णय लिया गया। साथ ही कलेक्ट्रेट परिसर में सांसद बीपी सरोज के गार्ड द्वारा बदतमीजी का विरोध करने पर कुछ पत्रकारों के खिलाफ दर्ज कराये गये एससी/एसटी के मुकदमे पर चर्चा हुई। इस अवसर पर राजकुमार सिंह, जय प्रकाश मिश्र, अजय शुक्ला, राकेशकान्त पाण्डेय, शम्भू सिंह, अजीत सिंह, विरेन्द्र गुप्ता, शशिराज सिन्हा, राजेश श्रीवास्तव, विद्याधर राय विद्यार्थी, वि·ा प्रकाश श्रीवास्तव, अरविन्द पटेल, आदित्य भारद्वाज, दीपक सिंह, अरविन्द पटेल, संतोष राय, रामचन्द्र नागर, अनिल गौतम, मंगला प्रसाद तिवारी, राहुल कुमार, विनोद वि·ाकर्मा, संजय चौरसिया, अनूप कुमार, अजीत बादल चक्रवर्ती, जुबेर अहमद संजय मिश्रा, पंकज राय, बरसातू कश्यप, वीरेन्द्र पाण्डेय, मो. अरशद, संजय सिंह, रामजी जायसवाल के अलावा पीडि़त पत्रकार विनोद कुमार व अरविन्द यादव मौजूद रहे।
पत्रकारों पर दर्ज मुकदमे को लेकर भारतीय प्रेस परिषद गंभीर
मुख्य सचिव, सचिव (गृह), पुलिस महानिदेशक सहित डीएम व एसपी को भेजा नोटिस
गौशाला की दयनीय दशा को उजागर करने पर 4 पत्रकारों के खिलाफ दर्ज कराया गया था मुकदमा
जौनपुर। केराकत तहसील क्षेत्र की गौशाला में गायों के तड़पकर मरने की खबर प्रकाशित करने एवं यू-ट्यूब चैनल पर दिखाने पर पत्रकारों के खिलाफ दर्ज कराये गये मुकदमे को भारतीय प्रेस परिषद ने गम्भीरता से ले लिया। इस पर परिषद के सचिव नंगसंगलेम्बा आओ ने इसे प्रेस की स्वतंत्रता में कटौती मानते हुये अपनी चिन्ता जतायी। साथ ही परिषद ने दो सप्ताह के भीतर उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव, सचिव (गृह) पुलिस विभाग, पुलिस महानिदेशक, जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक को जवाब के लिये नोटिस जारी कर दिया। विदित हो कि बीते 21 मार्च को पत्रकार आदशर््ा मिश्रा सहित केराकत तहसील क्षेत्र के पत्रकार पंकज सिंह, विनोद कुमार और अरविन्द यादव मुफ़्तीगंज विकास खण्ड क्षेत्र के पेसारा गांव में स्थित अस्थायी गौशाला की दुर्दशा का न्यूज कवर करने वहां पहुंचे। पत्रकारों के अनुसार गौशाला में दो गायें मरी पड़ी थीं और इतनी ही मरणासन्न थीं जिन्हें कौवे नोच रहे थे। वहीं गौशाला में गायों के बीच गोबर की मोटी परत जमी पड़ी थी। पत्रकारों ने मौके का फोटो लिया और वीडियो क्लिप बनाया तथा वहीं से उपजिलाधिकारी केराकत नेहा मिश्रा को गौशाला की स्थिति से अवगत कराते हुये उनका पक्ष भी जाना। पत्रकारों के अनुसार उपजिलाधिकारी का जवाब काफी तल्.ख था। बहरहाल पत्रकारों ने उक्त समस्या को अपने स्तर से प्रकाशित कर दिया। 3 दिन बाद यानी 24 मार्च को तहसील के जिम्मेदार अधिकारियों ने उक्त गांव की प्रधान चंदा देवी पर दबाव बनाकर उपरोक्त पत्रकारों के खिलाफ केराकत थाने में एससी/एसटी एक्ट की धारा 3 (2) सहित आईपीसी की धारा 504, 506, 384 और 429 के तहत मुकदमा दर्ज करवा दिया।यह बात जंगल में आग की तरह तेजी से फैल गयी जिसकी जानकारी भारतीय प्रेस परिषद को हुई तो वह गम्भीर हो गया। इसी को लेकर परिषद ने उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव, सचिव (गृह) पुलिस विभाग, पुलिस महानिदेशक समेत जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक को नोटिस भेजते हुये 2 सप्ताह के अन्दर अपनी बात कहने की बात कही है। कुल मिलाकर गौशाला की दयनीय स्थिति को उजागर करने, उपजिलाधिकारी केराकत द्वारा द्वेषवश पत्रकारों के खिलाफ फर्जी मुकदमा दर्ज कराने एवं इस मामले को भारतीय प्रेस परिषद द्वारा गम्भीरता से लेने पर इस समय जनपद ही नहीं, बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश की पत्रकारिता जगत सहित शासन-प्रशासन में हड़कंप मचा है।
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