नया सवेरा नेटवर्क
पंगुलबाबा कुटी में सात दिवसीय कथा का हुआ आयोजन
मीरगंज जौनपुर। भागवत कलयुग का अमृत और सभी दु:खों की एक औषधि है। कलयुग में कथा का श्रवण करने से दुख और पाप मिट जाते है। और सभी प्रकार के सुख एवं शांति की प्राप्ति होती है। यह बातें क्षेत्र के करियांव स्थित पंगुलबाबा कुटी में आयोजित सप्तदिवसीय श्रीमद्भागवत महापुराण कथा का महात्म्य बताते हुए बद्रिकाश्रम से पधारे स्वामी शुभम महाराज ने कही। अमृतमयी वाणी से कथा का वाचन शुरू करते हुए कहा कि कलयुग में भागवत जीवन में समस्त अवरोध मिटाने वाली उत्तम अवसाद है। भागवत का आश्रय करने वाला कभी दुखी नहीं होता है। श्री महाराज ने धुंधकारी और गोकर्ण कथा के साथ-साथ भगवान के चौबीस अवतारों की कथा समुद्र मंथन की बहुत ही रोचक ढंग से कथा सुनाते हुए कहा कि यह संसार भगवान का एक सुंदर बगीचा है। यहां चौरासी लाख योनियों के रूप में भिन्न- भिन्न प्रकार के फूल खिले हुए हैं। जब-जब कोई अपने गलत कर्मो द्वारा इस संसार रूपी भगवान के बगीचे को नुकसान पहुंचाने की चेष्टा करता है तब-तब भगवान इस धरा धाम पर अवतार लेकर सजनों का उद्धार और दुर्जनों का संघार किया करते हैं। श्रोताओं को कर्मो का सार बताते हुए कहा कि अच्छे और बुरे कर्मो का फल भुगतना ही पड़ता है। भागवत भाव प्रधान और भक्ति प्रधान ग्रंथ है। भगवान का दूसरा नाम ही सत्य है। सत्यनिष्ठ प्रेम के पुजारी भक्त भगवान के अति प्रिय होते है। भागवत कलयुग का अमृत है और सभी दुखों की एक ही औषधि भागवत कथा है। स्वामी जी ने उपस्थित सभी श्रोताओं से कहा कि इसलिए जब मौका मिले तब कथा सुनो और भगवान का भजन करो। इसके पूर्व मुख्य यजमान आत्मानंद महराज, संजय सिंह, गिरजाशंकर तिवारी, जगतनारायण सिंह, उमेश जायसवाल, कृष्णकांत दुबे, योगेंद्र प्रताप ने मंच पर विराजमान कथाव्यास महाराज का माल्यार्पण कर स्वागत किया। भजन, गीत व संगीत पर श्रद्धालु झूम उठे। इस मौके पर शैलेन्द्र सिंह, उमाशंकर वि·ाकर्मा, राय साहब सिंह, राजीव सिंह (प्रधान) सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
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