जौनपुर: न्यायाधिकारी ने सरपतहां थानाध्यक्ष को लगाई फटकार | #NayaSaveraNetwork
नया सवेरा नेटवर्क
शाहगंज जौनपुर। स्थानीय ग्राम न्यायालय के न्यायाधिकारी ने मारपीट के मामले में साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए नोटिस सुइथाकलां गांव निवासी रीता पुत्री जीयावन को जारी किया गया था। जिसपर थाने से यह आख्या प्राप्त हुई कि उक्त नोटिस के नाम का इस पते पर कोई भी व्यक्ति नही है। इसपर न्यायालय के न्यायाधिकारी दिनेश कुमार दिवाकर ने सरपतहां थानाध्यक्ष को फटकार लगाते हुए कहा कि इस प्रकार झूठी रिपोर्ट प्रेषित कर न्यायालय को गुमराह किया जा रहा है और अपने दायित्वों का अनुपालन नहीं किया गया। अदालत ने 15 फरवरी तक अपने जवाब के साथ थानाध्यक्ष को उपस्थित रहने का आदेश दिया। प्राप्त जानकारी के अनुसार मारपीट के एक मुकदमे में साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए सरपतहां थाना क्षेत्र के सुइथाकलां गांव निवासी रीता पुत्री जीयावन को न्यायालय में पेश करने के लिए सरपतहां थानाध्यक्ष विक्रम लक्ष्मण सिंह को नोटिस जारी किया। इसपर थानाध्यक्ष ने ग्राम न्यायालय को दी गई आख्या में बताया की इस नाम का कोई भी अभियुक्त उक्त गांव में नही है। थाने की आख्या के साथ प्रधान व ग्राम पंचायत सुईथा कला द्वारा अवगत कराया गया की रीता पुत्री जीयालाल नाम का व्यक्ति उक्त गांव में कोई नही है। जबकि नोटिस में साफ लिखा है कि रीता पुत्री जीयावन है। न की जीयालाल है। जबकि नोटिस में स्पष्ट लिखा है कि रीता पुत्री जीयावन हैं। इसपर अदालत ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि थानाध्यक्ष अपने कर्तव्यों के प्रति सजग नही है। और जिम्मेदारी से बचना चाहते हैं। न्यायाधिकारी दिनेश कुमार दिवाकर ने कड़े शब्दों में कहा कि थानाध्यक्ष ने न्यायालय को गुमराह किया है। अपनी जिम्मेदारियों का पालन नही किया। न्यायाधिकारी ने पूछा कि इसके चलते थानाध्यक्ष पर क्यों न कार्रवाई की जाए। अदालत ने थानाध्यक्ष से कहा है कि 15 फरवरी को इस संबंध में व्यक्तिगत रु प से उपस्थित होकर वे अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करें।
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