दो कुलों का मान होती है बेटियां | #NayaSaveraNetwork
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दो कुलों का मान होती है बेटियां
दो कुलों का मान होती है बेटियां
पूरे घर की जान होती है बेटियां
घर परिवार आबाद करती है बेटियां
थम जाता संसार अगर ना होती बेटियां
घर की जान होती है बेटियां
पिता की आन बान शान होती है बेटियां
बेटों से कम नहीं होती है बेटियां
पिता का गुमान होती है बेटियां
मां बहू भाभी पत्नी बनकर सेवा करती है बेटियां
खुद अपमान सह दूसरों को मान देती है बेटियां
कमियों को भुला जो मिले उसमें खुश है बेटियां
हर हाल में खुश हो मुस्कुराती रहती है बेटियां
अपनीपहचान मिटा दूसरोंकी पहचान अपनातीहै बेटियां
बहू बन सास ससुर की सेवा करती है बेटियां
सुनो जग वालों धन मन हृदय सब कुछ है बेटियां
लक्ष्मी सरस्वती पार्वती का रूप है बेटियां
लेखक - कर विशेषज्ञ स्तंभकार साहित्यकार कानूनी लेखक चिंतक कवि एडवोकेट किशन सनमुख़दास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र