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पीएचसी गहनी पर बंद ताला देख लौटते मरीज़। |
नया सवेरा नेटवर्क
सिकरारा जौनपुर। देश के उत्तर प्रदेश के ग्रामीण अंचलों में स्वास्थ्य सेवाएं बेहाल वबेलगाम हो गई हैं। इन स्वास्थ्य केंद्रों पर तैनात चिकित्सकों की लापरवाही के चलते क्षेत्र के मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों में मजबूर होकर जाना पड़ता है। बता दें कि ग्रामीण अंचलों में जितनी भी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बनाई गई हैं कुछ को छोड़कर बाकी सभी का हाल बेहाल है। कहीं पर चिकित्सक नहीं पहुंचते तो कहीं पर स्टाफ की कमी है तो कहीं पर भवन जर्जर हो गया है तो कहीं पर दवा का अभाव बना रहता है। जिम्मेदार लोग जानकर भी मूकदशर््ाक बने रहते हैं। इसका जीता जागता उदाहरण मडि़याहूं विकासखंड के अंतर्गत स्थित ग्राम सभा गगहनी का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बना हुआ है वहां की बिल्डिंग जर्जर हालत में पहुंच गई है। दवा का अभाव बना रहता है मरीजों को पर्ची पर बाहर से दवा लेने के लिए लिखा जाता है। चिकित्सक के ना रहने पर सफाई कर्मी मरीजों को दवा देतें है अस्पताल पर समय से कोई कर्मचारी नहीं उपस्थित रहता। इन तमाम समस्याओं का जायजा लेने के लिए राष्ट्रीय सहारा की टीम बृहस्पतिवार को सुबह 10:15 बजे अस्पताल पर पहुंची तो अस्पताल के मेन गेट पर ताला लटक रहा था कुछ मरीज बैठकर के डॉक्टर के आने का इंतजार कर रहे थे कुछ मरीज ताला लटका देख कर वापस चले जा रहे थे। यह सिलसिला करीब 11:15 बजे तक चलता रहा 11:30 बजे सुपरवाइजर पहुंचे तो उनसे देर से आने का कारण पूछा गया तो उन्होंने बताया कि इस समय टीकाकरण का कार्य चल रहा है हमारी ड्यूटी लगी है। इसलिए आने में लेट हो गया। मौके पर अनुपस्थित डॉक्टर अशोक गौतम से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि मेरी ड्यूटी 2 दिन के लिए नदीरामपुर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर लगाई गई है इसलिए मैं नहीं आ सका। इन सारी समस्याओं की जानकारी करने के लिए मडि़याहूं स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी एमएस यादव से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि टीकाकरण ड्यूटी में जाने के कारण लोग लेट हो गए होगे बाकी दिन समय से अस्पताल खुल जाता है। जब उनसे यह पूछा गया कि चिकित्सकों के यहां न रहने पर सफाई कर्मी भी मरीजों को दवा देते है तो उन्होंने कहा कि यह झूठ है जबकि ग्रामीणों का कहना है कि यह बात सत्य है। उक्त समस्याओं की तरफ ग्रामीणों ने जिलाधिकारी का ध्यान आकृष्ट करवाया है।
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