नया सवेरा नेटवर्क
मुंबई। समरसता और बंधुत्व की भावना के संदेश के साथ विगत अनेक वर्षों से भव्य कार्यक्रम आयोजित कर रही, भारतीय सदविचार मंच संस्था ने कल 29 जनवरी को मीरा रोड पूर्व स्थित भारत रत्न लता मंगेशकर नाट्यगृह में कार्यक्रम का आयोजन किया ।कार्यक्रम में कुल 3 विशिष्ट पुरस्कार दिए गए । पहला पुरस्कार महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री तथा लोकप्रिय नेता रहे डॉ राम मनोहर त्रिपाठी की स्मृति में डॉ राम मनोहर त्रिपाठी पुरस्कार कांग्रेस के पूर्व विधायक मुजफ्फर हुसैन को , दूसरा पुरस्कार स्व ठाकुर हरदत्त सिंह की स्मृति में ठाकुर हरदत्त सिंह आदर्श पत्रकारिता पुरस्कार, पत्रकार तथा आरटीआई एक्टिविस्ट अनिल गलगली को तथा स्व बाबू आर एन सिंह की स्मृति में बाबू आर एन सिंह आदर्श समाजसेवी पुरस्कार, उद्योगपति ज्ञानप्रकाश सिंह को दिया गया। मंच पर समाज ,राजनीति तथा शिक्षा से जुड़ी तमाम हस्तियां उपस्थित थी। डॉ राम मनोहर त्रिपाठी पुरस्कार जैसा प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त करने के बाद बोलने के लिए खड़े हुए मुजफ्फर हुसैन ने समरसता , राष्ट्रीय एकता और अखंडता जैसे अपेक्षित विषयों पर बोलने की बजाय हेट स्पीच शुरू कर दी। उन्होंने भारत के सभी हिंदुओं के हिंदुत्व पर ही प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया। मुजफ्फर हुसैन बोलते रहे और उपस्थित लोग अवाक होकर उन्हें सुनते रहे। तभी मंच पर बैठे महाराष्ट्र के पूर्व गृह राज्यमंत्री तथा बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष कृपाशंकर सिंह उठ कर चल दिए। कृपाशंकर सिंह का बिना भाषण दिए उठकर चले जाना, मुजफ्फर हुसैन की हेट स्पीच का विरोध माना जा रहा है। उपस्थित लोगों का कहना है कि भारतीय सदविचार मंच जैसी प्रतिष्ठित संस्था के कार्यक्रम में और डॉ राम मनोहर त्रिपाठी जैसे सर्वप्रिय नेता के नाम पर पुरस्कार पाने के बाद भी मुजफ्फर हुसैन को इस तरह की हेट स्पीच देने का क्या तुक था ? इस बारे में प्रतिक्रिया जानने के लिए मुजफ्फर हुसैन से संपर्क करने की कोशिश की गई,पर संपर्क नहीं हो पाया।
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