नया सवेरा नेटवर्क
आरटीआई एक्टिविस्ट अनिल गलगली ने मांगी थी जानकारी
मुंबई। आरटीआई एक्टिविस्ट अनिल गलगली को मेट्रो 3 प्रशासन ने मेट्रो 3 के तहत कोर्ट के खर्च का ब्योरा देने से मना कर दिया है। मेट्रो 3 प्रशासन ने अजीब तरह से दावा किया है कि मांगी गई जानकारी मुवक्किल और वकील के बीच विशेषाधिकार प्राप्त जानकारी है। मेट्रो 3 के इस कदम से वकीलों पर होने वाले खर्च को लेकर संदेह जताया जा रहा है।
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल मेट्रो 3 के अंतर्गत आरे कॉलोनी में कार शेड के संबंध में काउंसल व काउंसिल पर कोर्ट के खर्चे, काउंसेल, काउंसलर का नाम, सुनवाई की तारीख, कुल प्रतिदिन के चार्ज, खर्चे के प्रकार, तारीख, कुल राशि की जानकारी देने की मांग कर रहे हैं. भुगतान गलगली ने किया। मेट्रो 3 कानूनी विभाग के सहायक महाप्रबंधक अनिल गलगली ने बताया कि मांगी गई जानकारी ग्राहक और वकील के बीच विशेषाधिकार प्राप्त जानकारी है और आरटीआई अधिनियम की धारा 8 (1) (ई) के तहत प्रकटीकरण से छूट प्राप्त है। अनिल गलगली के अनुसार जनता के कर से एकत्रित राशि को न्यायालयीन काम पर व्यय किया गया है उसके लिये इस व्यय की जानकारी सार्वजनिक की जानी चाहिए। इस संबंध में अनिल गलगली ने प्रथम अपील दाखिल की है। ऐसी सूचनाओं को सार्वजनिक करना सरकारी तंत्र के लिए जरूरी है और उन्होंने मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री व अन्य को पत्र भेजकर इस आशय की मांग की है।
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