नया सवेरा नेटवर्क
साइबेरियन पक्षियों के शिकार करने के लिए बेताब रहते हैं शिकारी
वन विभाग के साथ पुलिस मामले की जांच में जुटी
खेतासराय, जौनपुर। एशिया में कभी प्रथम स्थान रखने वाले मत्स्य प्रक्षेत्र गुजरताल में मंगलवार को संदिग्ध परिस्थति में 20 बत्तखों की मौत हो गई। लोगों का कहना है कि कीटनाशक को शिकारियों ने साइबेरियन पक्षियों का शिकार करने के लिए नदी के बीच धारा में बिछाया था। यह वही शिकारी है जो पिछले दो दशक से साइबेरियन पक्षियों का शिकार खुलेआम बेखौफ तरीके से कर रहे हैं। साइबेरियन पक्षियों की क्रूर हत्या करने के बाद ये शिकारी शाहगंज, जौनपुर, आजमगढ़, मार्टिनगंज व आसपास के ग्रामीण बाजारों में महंगे दाम पर बेचते हैं। जिसे मांस भक्षण प्रेमी बड़े शौक से खाते हैं लेकिन अफसोस इस बात का है कि गुजरताल क्षेत्र में हर दिन 400 से अधिक साइबेरियन पक्षियों का शिकार करने वाले इन कुख्यात शिकारियों के गले में अभी पुलिस और वन विभाग का फंदा नहीं पड़ा। ऐसे में साफ जाहिर है की इन शिकारियों पर वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की मेहरबानी कुछ अधिक है। जिससे उनका हौसला दिनों दिन बढ़ता ही जा रहा है। बत्तख पालने वाले क्षेत्र के भास्कर सिंह मंगलवार की सुबह अपने 100 बत्तखों को गुजरताल में जल क्रीड़ा के लिए लेकर आए थे। आधे घंटे बाद उनके 20 बत्तख जब बेहोश होकर पानी मे गिर गए तो वह घबरा गए। उन्होंने ग्रामीणों की मदद से उन बत्तखों को बाहर निकाल कर उसका कारण पूछा तो लोगों ने बताया कि साइबेरियन पक्षियों का शिकार करने के लिए शिकारी यहां जहरीला कीटनाशक पानी में बिछाए हुए थे जिसे खाने से इन बत्तखों की मौत हो गई। वहीं वन विभाग के अधिकारी व पुलिस पूरे मामले की जांच में जुट गई है।
महंगे दाम पर बिकता है साइबेरियन पक्षी
खेतासराय। मांस भक्षण प्रेमियों के लिए साइबेरियन पक्षी पहली प्राथमिकता होती है। जहरीले कीटनाशक से मारे गए इन साइबेरियन पक्षियों को शिकारी मुंह मांगी कीमत पर बेचते हैं । ठंड के इस मौसम में इलाके के सफेदपोश, बड़े धन्ना सेठ और अब तो मध्यम दर्जे के लोग भी अधिक पैसा देकर खाने लगे हैं लेकिन अफसोस इस बात का है कि सात समुंदर पार से आने वाले इन साइबेरियन पक्षियों का शिकार करने वाले शिकारियों के खिलाफ इलाके की पुलिस और वन विभाग प्रभागीय निदेशक के अधिकारियों ने कभी भी कोई अभियान नहीं चलाया।
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