कविता | #NayaSaveraNetwork
नया सवेरा नेटवर्क
ज़वाबदेही के काबिल नहीं हूं
दिखने में बहुत बड़ा शासकीय अधिकारी हूं
पर योग्यताओं में बहुत कमजोर हूं
मुझसे काबिल बेरोज़गार हैं पर मैं लगा हूं
ज़वाबदेही के काबिल नहीं हूं
लेनदेन अपनाया है उसका फायदा उठायाहूं
बीस लगाकर सव उगाई कर रहा हूं
योग्यता बिल्कुल नहीं है अयोग्य हूं
ज़वाबदेही के प्रति काबिल नहीं हूं
शासन नें ज़वाबदेही तय की तो निठल्ला हूं
तुरंत सस्पेंड हो जाने के काबिल हूं
मिलीभगत का नतीजा है बचा हूं
जवाबदेही के काबिल नहीं हूं
पढ़ने से नौकरी लगने तक मिथ्यक हूं
हरे गुलाबी काले कारनामों का उत्तथक हूं
हिस्सेदारी पहुंचाने बल पर टिका हुआ हूं
ज़वाबदेही के काबिल नहीं हूं
ज़वाबदेही की बात घटना होने पर उठती है
फ़िर मिलीभगत से टायं टायं फिस्स हो जातीहै
कमेटी रिपोर्ट रिटायरमेंट के बाद आती है
ज़वाबदेही के काबिल नहीं हूं
-लेखक- कर विशेषज्ञ स्तंभकार साहित्यकार कानूनी लेखक चिंतक कवि एडवोकेट किशन सनमुख़दास भावनानी गोंदिया, महाराष्ट्र।
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