जौनपुर: अधिवक्ताओं ने प्रदर्शन कर सौंपा ज्ञापन | #NayaSaveraNetwork

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नया सवेरा नेटवर्क

राइट टू लॉ कानून को मौलिक अधिकार का दर्जा देने की मांग

केराकत,जौनपुर। देश व उत्तर प्रदेश में बढ़ते हुए अपराध पर अंकुश लगाने के लिए राइट टू ला (कानून का अधिकार) को मौलिक अधिकार का दर्जा दिए जाने की मांग को तहसील के अधिवक्ताओ ने उपजिलाधिकारी कार्यालय के सामने प्रदशर््ान कर प्रधानमंत्री को सम्बोधित एक ज्ञापन सौंपा। अधिवक्ताओ का कहना था कि वर्ष 1936 में महात्मा गांधी ने एक समान शिक्षा की बात उठाई थी, 2002 में संविधान के अनुच्छेद 21ए (भाग 3) के माध्यम से 86वें संशोधन विधेयक में 6 से 14 साल के सभी बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा के अधिकार को मौलिक अधिकार माना गया। शिक्षा का अधिकार (आरटीई) अधिनियम 2009 बनाया गया और एक साथ पूरे देश में लागू हुआ परिणामत: देश में शिक्षित लोगों की संख्या व शिक्षा का स्तर काफी बढ़ा, देश की वर्तमान परिस्थितियों का गंभीरता से अध्ययन करने पर व देश तथा प्रदेश में बढ़ते हुए अपराध तथा आपराधिक घटनाओं को देखने पर यह आवश्यकता महसूस होती है कि भारत देश में प्राइमरी शिक्षा से ही छोटे बच्चों को कानून की अनिवार्य रूप से शिक्षा दी जाए, उन्हें कार्टून के माध्यम से संविधान व कानून का ज्ञान दिया जाए और बड़े बच्चों में भी जागरूकता हेतु कार्यक्रम चलाए जाएं। आज समाज में बढ़ते हुए अपराध का कारण भी कानून को न जानना ही है, यदि कानून का अर्थात आरटीएल (राइट टू लां) को प्राइमरी शिक्षा से ही अनिवार्यकर दिया जाएगा तो निश्चित ही हमारा देश कानून को जानने वाला एक शिक्षित देश बन जाएगा और देश में अपराध अपराधिक घटनाओं का घटित होना कम हो जाएगा। ''कानून के विषय की जानकारी'' को सरकार से संविधान प्रदत्त मौलिक अधिकार घोषित करने की हम मांग भी करते हैं। जिससे कि शिक्षा में कानून संबंधित ज्ञान अनिवार्यरूप से लागू हो सके। समाज में बढ़ते हुए अपराध व आपराधिक घटनाओं पर नियंत्रण के लिए प्राइमरी विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों को कार्टून के माध्यम से कानून की शिक्षा दिया जाए तथा बड़े बच्चों के बीच विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया जाए। भारत देश में अब तक लगभग 10 हजार से अधिक कानून बन चुके हैं जिनमें से लगभग 4 हजार कानून ही उपयोग में लाए जा रहे हैं लेकिन जब भी कोई आपराधिक घटना घटती है तो घटना के विरोध में समाज द्वारा आवाज उठती है कि कठोर कानून बने और इस कठोर कानून की मांग पर सरकार द्वारा समाज को एक नया कानून बनाकर दे दिया जाता है लेकिन देखा जा रहा है कि सिर्फ  कानून बना देने से आपराधिक घटनाओं पर अंकुश नहीं लग रहा है और न ही अंकुश लगने की उम्मीद दिख रही है।अपराध और अपराधिक घटनाओं पर अंकुश लगाने का एकमात्र उपाय है समाज को ''कानून के विषय की जानकारी'' दी जाए, कानून और कानून के ज्ञान से संबंधित जन जागरण हमारे देश एवं समाज के लिए नितांत आवश्यक हो गया है। शिक्षा के माध्यम से कानून के संदर्भ में जागरूकता लाना अपने आप में एक सराहनीय कदम हो सकता है। जिस तरह से शिक्षा एक संविधान प्रदत्त मौलिक अधिकार है ठीक उसी तरह शिक्षा में कानून संबंधित ज्ञान शिक्षा का अभिन्न एवं व्यक्ति का एक मौलिक अधिकार होना चाहिए। आदशर््ा नागरिकता, कर्तव्य परायणता, समाज के प्रति संवेदनशीलता, प्रकृति एवं जीव जंतुओं के प्रति उदारता के साथ कर्तव्य और अधिकार के प्रति सजगता एक आदशर््ा नागरिक की पहचान है। ऐसे में देखा जाए तो यह कानून के ज्ञान के बिना संभव नहीं है। कानून का ज्ञान होना सामाजिक नियंत्रण की दिशा में एक कारगर कदम है,और आज आवश्यकता है कि कानून के ज्ञान संबंधित प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए मिलकर कदम उठाया जाए तथा सरकार ''कानून का अधिकार'' को मौलिक अधिकार का दर्जा दें। सरकार द्वारा कानून के विषय की जानकारी नामक इस मौलिक चिंतन को संवैधानिक ढांचे में रखने का प्रयास होना ही चाहिए। ज्ञान विवेक की जननी है, विवेक अच्छे आचरण को जन्म देता है,अच्छा आचरण अच्छे चरित्र का निर्माता है,अच्छा चरित्र एक व्यक्ति को अच्छा नागरिक बनाता है तभी एक अच्छे समाज का गठन होता है। ऐसे में कानून का ज्ञान ही एक अच्छा नागरिक बनने में सहायक हो सकता है। ज्ञापन देने वालों में नम:नाथ शर्मा,अनिल सोनकर ,पुनीत श्रीवास्तव , दिनेश पाण्डेय ,अनिल सोनकर गांगुली, विनोद यादव, छोटेलाल सिंह ,विकास तिवारी, अतुल सिंह, मनोज यादव, दिनेश शुक्ला,कमला नागर,अतुल सिंह, सुनील कुमार, रविनाथ मिश्र, कमला प्रसाद नागर, विक्रान्त सिंह,छोटेलाल सिंह, सुनील वर्मा,मनोज यादव,प्रवीण शर्मा, आदि अधिवक्ता उपस्थित रहे।

*एस.आर.एस. हॉस्पिटल एवं ट्रामा सेन्टर स्पोर्ट्स सर्जरी डॉ. अभय प्रताप सिंह (हड्डी रोग विशेषज्ञ) आर्थोस्कोपिक एण्ड ज्वाइंट रिप्लेसमेंट ऑर्थोपेडिक सर्जन # फ्रैक्चर (नये एवं पुराने) # ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी # घुटने के लिगामेंट का बिना चीरा लगाए दूरबीन  # पद्धति से आपरेशन # ऑर्थोस्कोपिक सर्जरी # पैथोलोजी लैब # आई.सी.यू.यूनिट मछलीशहर पड़ाव, ईदगाह के सामने, जौनपुर (उ.प्र.) सम्पर्क- 7355358194, Email : srshospital123@gmail.com*
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*जौनपुर टाईल्स एण्ड सेनेट्री | लाइन बाजार थाने के बगल में जौनपुर | सम्पर्क करें - प्रो. अनुज विक्रम सिंह, मो. 9670770770*
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*नगर पंचायत कजगांव से अध्यक्ष पद के लिए सुयोग्य, कर्मठ एवं जुझारू प्रत्याशी नितीश सिंह 'रिक्की सिंह' पुत्र स्व. सुधांशु सिंह, निवासी माधाोपट्टी कजगांव जौनपुर, निवेदक समस्त सम्मानित क्षेत्रवासी मो. 9648409999 | #NayaSaveraNetwork*
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