नया सवेरा नेटवर्क
लोकतांत्रिक व्यवस्था में सभी को चुनाव लड़ने की स्वतंत्रता है लेकिन जो भी प्रत्याशी मैदान में उतर रहे हैं या उतरने का मन बना रहे हैं. उनको एक बार आत्म मंथन करना चाहिए. जिस व्यक्ति व समाज के सामने वोट मांगने जाएंगे, क्या कभी हम उनके सुख-दुःख में सम्मिलित हुए हैं या कभी किसी गरीब, शोषित वंचित समाज के उत्थान के लिए आवाज उठाएं. क्या कभी गलत कार्य या भ्रष्टाचार के खिलाफ कभी आवाज उठाएं हैं, यदि उत्तर हाँ में हो तो निश्चित रूप से चुनावी मैदान में उतरना चाहिए.
- दीपक गुप्ता, पत्रकार
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