गीता पुस्तक के साथ कॉलेज के विद्यार्थी व शिक्षक। |
नया सवेरा नेटवर्क
गीता जयंती महोत्सव कार्यक्रम का हुआ आयोजन
सुइथाकला,जौनपुर। स्थानीय विकास खण्ड स्थित गांधी स्मारक पी.जी कालेज में गीता जयन्ती महोत्सव कार्यक्रम का आयोजन हुआ। देवी सरस्वती एवं योगे·ार भगवान श्रीकृष्ण के चित्र पर माल्यार्पण एवं धूप-दीप प्रज्ज्वलन के उपरांत कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे विभागाध्यक्ष प्रो.डॉ. रणजीत कुमार पाण्डेय ने अपने सारगर्भित उदबोधन में कहा कि मान्यता अनुसार आज से लगभग 5000 वर्ष पूर्व मोक्षदा एकादशी के दिन भारतीय संस्कृति के महानायक लीला पुरु षोत्तम भगवान श्रीकृष्ण ने कुरु क्षेत्र में विषादग्रस्त अर्जुन को जो कर्तव्योपदेश उपदेश दिया वह श्रीमद भगवतगीता और संक्षेप में गीता के नाम से प्रख्यात हुआ। उन्होंने कहा कि गीता दशर््ान वि·ा का सर्वश्रेष्ठ दशर््ान होने के साथ हीं वि·ा के लोकमंगल का सर्वोत्कृष्ट ग्रन्थ भी है। महोत्सव में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित शिक्षक/पत्रकार डॉ.प्रदीप कुमार दूबे ने अपने सम्बोधन में गीता के मार्गशीर्ष मास की महत्ता बताते हुये कहा कि इसी महीने में मर्यादापुरु षोत्तम श्री राम का विवाह एवं योगे·ार भगवान श्रीकृष्ण द्वारा मोहग्रस्त अर्जुन को गीता का उपदेश देने के कारण मार्गशीर्ष मास का विशेष महत्व है। भगवान श्रीकृष्ण ने कहा कि महीनों में मार्गशीर्ष मास हूं । मार्गशीर्ष मास ज्ञान भक्ति वैराग्य के शीर्ष मार्ग का बोध कराता है। महोत्सव को सम्बोधित करते हुए डॉ.अरविन्द सिंह ने कहा कि संसार के शीर्ष चिंतकों विद्वानों और दाशर््ानिकों ने मुक्त कंठ से इसका गुणगान किया है यह संपूर्ण जीवन शास्त्र होने के साथ हीं मानव मात्र की अमूल्य धरोहर है। गीता महोत्सव पर अपने उदबोधन में डॉ.अविनाश वर्मा ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण के मुखारविंद से निकला ब्राह्मविद्या का निरूपण करने वाला यह धर्मग्रन्थ सार्वभौमिक एवं सार्वकालिक है। डॉ.अवधेश कुमार मिश्र ने कहा कि श्रीमद्भगवत गीता जीवन का अमृतमय,शास्वत जीवन संगीत है।यह व्यक्ति एवं लोक के कल्याण का मार्ग प्रशस्त करता है।डॉ.विष्णु कान्त त्रिपाठी ने कहा कि गीता मानव विकारों को दूर कर मनुष्य के जीवन को सरल सरस एवं सुगम बनाने में सक्षम है। डॉ.अरूण कुमार शुक्ला ने कहा कि ज्ञान विज्ञान के क्षेत्र में चमत्कारी प्रगति वाले आज के इस अशांत वि·ा में गीता दशर््ान ही उपयुक्त एवं लाभदायक है।यह मानव मात्र का मित्र बंधु और गुरु है। महोत्सव में स्नातक/परास्नातक की छात्रा लक्ष्मी यादव,रंजना यादव,कोमल गुप्ता,शालिनी दिब्या अंजली,गरिमा सिंह,स्वाती,अंकिता,ममता शर्मा,साधिका सिंह,अंकिता रजक एवं स्वीकृति आदि ने अपने विचार रखे।संचालन गरिमा सिंह एवं आगन्तुक अतिथियों का आभार डॉ.अरूण कुमार शुक्ल ने प्रकट किया। इस अवसर पर महाविद्यालय की छात्र-छात्रायें मौजूद रहे।
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