नया सवेरा नेटवर्क
मुंबई। बॉलीवुड के जाने माने अभिनेता और संवाद अदायगी के बेताज बादशाह शत्रुघ्न सिन्हा आज 76 वर्ष के हो गये। बतौर खलनायक अपने करियर का आगाज कर अपने आक्रमक अंदाज, विद्रोही तेवर और संवाद अदायगी के दम पर शत्रुघ्न सिन्हा ने दर्शको को इस कदर दीवाना बनाया कि नायक की तुलना में उन्हें अधिक वाहवाही मिली। यह फिल्म इंडस्ट्री के इतिहास में पहला मौका था जब किसी खलनायक के पर्दे पर आने पर दर्शकों की ताली और सीटियां बजने लगती थी। शत्रुघ्न सिन्हा की लोकप्रियता का अंदाज इस बात से लगाया जा सकता है कि फिल्म में शत्रुघ्न सिन्हा के हिस्से में महज दो या तीन सीन ही रहते लेकिन इन सीनों मे जब कभी शत्रुघ्न सिंहा दिखाई देते तो अपनी संवाद अदायगी और तेवर से वह नायक की तुलना में कहीं भारी पड़ते थे।
शत्रुघ्न सिन्हा का जन्म 09 दिसंबर 1946 में बिहार के पटना में हुआ। बिहार के प्रतिष्ठित पटना सांइस कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होनें बतौर अभिनेता बनने के लिये पुणा फिल्म इंस्टीट्यूट में दाखिला ले लिया। सत्तर के दशक में फिल्म इंस्टीट्यूट में प्रशिक्षण के बाद शत्रुघ्न सिंहा ने फिल्म इंडस्ट्री की ओर अपना रूख कर लिया। शुरूआती दौर में फिल्म इंडस्ट्री में काम पाने के लिये शत्रुघ्न सिंहा को काफी संघर्ष का सामना करना पड़ा।
शत्रुघ्न सिंहा ने अपने करियर की शुरूआत वर्ष 1969 में प्रदर्शित फिल्म साजन से की। मनोज कुमार की मुख्य भूमिका वाली इस फिल्म में उन्हें एक छोटी सी भूमिका निभाने का अवसर मिला। इस दौरान उन्हें फिल्म अभिनेत्री मुमताज की सिफारिश पर फिल्म खिलौना में काम करने का अवसर मिला ।वर्ष 1970 में प्रदर्शित फिल्म खिलौना की सफलता के बाद शत्रुघ्न सिन्हा को फिल्मों में काम मिलने लगा।वर्ष 1971 में प्रदर्शित फिल्म मेरे अपने उनके करियर के लिये महत्वपूर्ण फिल्म साबित हुयी। युवा राजनीति पर बनी इस फिल्म में विनोद खन्ना ने भी अहम भूमिका निभाई थी। इस फिल्म में शत्रुघ्न सिंहा का बोला गया यह संवाद श्याम आये तो उससे कह देना छैनु आया था। बहुत गरमी है खून में तो बेशक आ जाये मैदान में दर्शको के बीच काफी लोकप्रिय हुये।
Ad |
Ad |
Ad |
0 टिप्पणियाँ