नया सवेरा नेटवर्क
पिंपरी चिंचवड़। राज्य में विवादित बयानों का सिलसिला जारी है। बीजेपी नेता और राज्य मंत्री चंद्रकांत पाटिल के कुछ दिन पहले महात्मा फुले और अंबेडकर को लेकर दिए गए बयान से प्रदेश में माहौल गरमा गया है। शुक्रवार को औरंगाबाद में एक कार्यक्रम में उच्च और तकनीकी शिक्षा मंत्री पाटिल ने कहा था कि आंबेडकर और फुले ने शैक्षणिक संस्थान चलाने के लिए सरकारी अनुदान नहीं मांगा, उन्होंने लोगों से स्कूल और कॉलेज शुरू करने के लिए धन इकट्ठा करने के लिए भिक्षा मांगी। भिक्षा शब्द के प्रयोग से विवाद खड़ा हो गया।
डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर और महात्मा ज्योतिबा फुले के बारे में महाराष्ट्र के मंत्री चंद्रकांत पाटिल की कथित टिप्पणी को लेकर पुणे के पिंपरी में शनिवार को उन पर स्याही फेंकी गई। अब इस घटना पर पिंपरी चिंचवाड़ पुलिस ने अपने सात कांस्टेबलों और तीन अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि पूरे मामले की जांच की जा रही है।
‘हमलों से डरते नहीं’, चंद्रकांत पाटिल शनिवार रात चंद्रकांत पाटिलने पत्रकारों से कहा कि वह इस तरह के हमलों से डरते नहीं हैं और सभी विपक्षी नेताओं को इसकी निंदा करनी चाहिए। उन्होंने कहा, मेरे बयान को गलत समझा गया। उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं से राज्य इकाई के अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले के निर्देशों का पालन करने और कानून को अपने हाथ में नहीं लेने की अपील की।
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