नया सवेरा नेटवर्क
दो लाख नकद व सात हजार महीना भत्ता देने का आदेश
शाहगंज,जौनपुर। मायके में रह रही तीन साल से घरेलू हिंसा और दहेज उत्पीड़न की पीडि़ता को राहत देते हुए ग्राम न्यायालय ने उसके पक्ष में फैसला सुनाया है। न्यायाधिकारी दिनेश कुमार दिवाकर ने ससुराल पक्ष के लोगों को पीडि़ता को घर में ससम्मान जगह देने। व भरण पोषण के लिए हर महीने सात हजार रु पया देने और घरेलू हिंसा के एवज में नगद दो लाख रु पया देने का आदेश दिया। पुलिस को निर्देशित किया कि पीडि़ता को सारी चीजें दिलाना सुनिश्चित करें। जानकारी के अनुसार खेतासराय थाना क्षेत्र के मानीकला निवासी राधा गुप्ता की शादी भदोही जनपद के सुरियावां निवासी सुनील कुमार से मई 2015 में हुई थी। पीडि़त राधा गुप्ता के मुताबिक शादी में यथा संभव दहेज देने के बावज़ूद ससुराल के लोग अल्टो कार की लगातार मांग कर रहे थे। पीडि़ता के मुताबिक मार्च 2019 में उसे धक्के मारकर उसे घर से निकाल दिया गया और कार लेकर ही घर वापस आने की बात कही। पीडि़ता ने उक्त मामले में ग्राम न्यायालय घरेलू हिंसा से महिलाओं के संरक्षण कानून के तहत पति सुनील कुमार, ससुर मानिक चंद्र, सास उर्मिला और देवर विजय शंकर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। पीडि़ता का पक्ष सुनने और साक्ष्यों को परखने के बाद न्यायाधिकारी ने अपना फैसला सुनाया। न्यायाधिकारी ने फैसले में कहा कि पीडि़ता को ससम्मान घर में वापस प्रवेश दिया जाए और उसका उत्पीड़न व घरेलू हिंसा न किया जाए। ऐसा न होने पर ससुराल पक्ष इसके एवज में पीडि़ता को प्रतिमाह चार हजार रु पये दिया जाए। ससुराल वाले के पास पड़ा पीडि़ता का सारा स्त्री धन वापस दिया जाए। घरेलू हिंसा मे हुए नुकसान के एवज में पीडि़ता को तीन महीने के अंदर दो लाख रु पये अदा किए जाए। इसके अलावा पीडि़ताके भरण पोषण और रोजमर्रा की जरु रतों के लिए सात हजार रु पये हर महीने दिया जाए। थानाध्यक्ष को पीडि़ता की जरूरत के मुताबिक सहयोग देने का आदेश ग्राम न्यायाधिकारी दिनेश कुमार दिवाकर ने दिया।
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