नया सवेरा नेटवर्क
पुण्य प्राप्ति के लिए श्रद्धालु 8 नवंबर की सुबह से ही लगायेगें डुबकी
सिरकोनी,जौनपुर। गोस्वामी तुलसीदास कृत श्रीरामचरितमानस में वर्णित पंक्ति सई उतरि गोमती नहाए, चौथे दिवस अवधपुर आए। राजेपुर स्थित पवित्र सई- गोमती नदी के संगम स्थल का आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होना सिद्ध करता है। यहां भरतजी ने अवधपुरी वापस जाते समय स्नान किया था। प्रतिवर्ष कार्तिक पूर्णिमा के दिन बड़ी तादाद में श्रद्धालु पुण्य लाभ की कामना से यहां संगम में डुबकी लगाते हैं। दोनों नदियों के तीनो पार राजेपुर, विजयीपुर व उदपुर में मेला लगने के कारण यह त्रिमुहानी मेले के नाम से भी प्रसिद्ध है। यहां कार्तिक पूर्णिमा के दिन भोर से ही स्नान ध्यान व रामे·ार धाम में दशर््ान करने के लिए श्रद्धालुओं के आने का क्रम शुरू हो जाता है जो पूरे दिन तक चलता रहता है। यहां लाई चिवड़ा व रेवड़े की खूब बिक्री होती है। भेड़ों की लड़ाई भी इस मेले का प्रमुख आकर्षण है। इस वर्ष कार्तिक पूर्णिमा 8 नवम्बर के दिन चंद्र ग्रहण लगने के कारण स्नानार्थियों की संख्या अधिक होने की संभावना भी जताई जा रही है।
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