नया सवेरा नेटवर्क
- नियमों का पालन कराने में ट्रैफिक पुलिस नाकाम, आये दिन लगता है जाम
उमेश गुप्ता
जौनपुर। शहरी क्षेत्र के कई ऐसे अस्पताल संचालक हैं जिन्होंने आधी सड़क पर कब्जा कर रखा है। खुद का वाहन स्टैंड न होने के कारण एंबुलेंस, दोपहिया वाहन और चार पहिया वाहन से आने वाले मरीज और उनके तीमारदार सड़कों पर ही वाहनों को खड़ा कर देते हैं। सड़कें काफी चौड़ी होने के बाद भी सकरी हो जाती है और जाम लगना शुरू हो जाता है। आये दिन जाम के झाम से आम जनता दो चार होती है लेकिन अस्पताल संचालकों को इसकी रत्ती भर भी चिंता नहीं होती है। नईगंज मोहल्ला में स्थित शिवाय न्यूरो हास्पिटल और उसी के ठीक सामने शेखर क्रांति हास्पिटल के बाहर अक्सर जाम लगता है।
एंबुलेंस और दो पहिया वाहन लगभग आधी सड़क पर खड़े रहते हैं। इलाहाबाद, वाराणसी, सुल्तानपुर और लखनऊ को जोडऩे वाली यह सड़क अक्सर जाम का शिकार रहती है। वहीं अहियापुर स्थित आशादीप हास्पिटल का भी यही हाल है हलांकि वहां अंडरग्राउंड पार्किंग की व्यवस्था है बावजूद इसके काफी संख्या में मरीज के आने के कारण वहां भी अक्सर जाम की स्थिति उत्पन्न रहती है। एंबुलेंस और दो पहिया वाहनों का वहां पर सड़कों पर कब्जा रहता है। मोहल्ले के निवासियों का कहना है कि अक्सर जाम लगा रहता है। मोहल्लेवासियों समेत अन्य राहगीरों का ज्यादातर वक्त जाम में ही निकल जाता है।
अस्पताल संचालक और चिकित्सकों को इसी कोई परवाह नहीं रहती है। जिला प्रशासन और ट्रैफिक का जिम्मा संभालने वाले जिम्मेदार भी उक्त हास्पिटल संचालकों को ट्रैफिक नियमों का पालन कराने में न जाने क्यों कतरा रहे हैं। लोगों का कहना है कि सिर्फ आम जनता को ही कानून का पाठ पढ़ाया जाता है। रसूखदार और पैसों वालों को नियमों की कोई परवाह नहीं रहती।
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