नया सवेरा नेटवर्क
- जेई अपने अधिकारी के निर्देश पर रबिसा बेगम के पुराने आवास पर किया दूसरा जियोटैग
- जमीन विवाद का प्रकरण न्यायालय विचाराधीन होने पर तत्कालीन पी0ओ0 डूडा ने निरस्त कर दिया था रबीसा बेगम आवास और रिकवरी हेतु भेजी थी नोटिस
जफराबाद, जौनपुर। नगर पंचायत जफराबाद क्षेत्र के मोहल्ला नासही में लाभार्थी रबिसा बेगम ने पैसे के बल पर पूर्व में निरस्त अपने प्रधानमंत्री शहरी आवास को पुनः जिन्दा करवा लिया है और विभाग से दूसरी किश्त प्राप्त कर अपने पुराने मकान के उपर दूसरे तल का निर्माण कार्य भी शुरू करा दिया है। विपक्षी इजहार हुसैन ‘‘बब्बू‘‘ ने बताया कि तत्कालीन परियोजना अधिकारी डूडा ने रबिसा बेगम द्वारा विवादित जमीन पर शहरी आवास का निर्माण कराने तथा उक्त जमीन का प्रकरण मा0 न्यायालय में विचाराधीन होने सम्बन्धी मेरे प्रार्थना पर रबिसा बेगम का आवास निरस्त कर दिया था और भेजी गई पहली किश्त की धनराशि रिकवरी हेतु कई बार नोटिस जारी किया था, जो वर्तमान में पैसे एवं डूडा के कर्मचारियों के कारण ढाक के तीन पात साबित हो रहा है। उन्होने बताया कि रबिसा द्वारा जिस जमीन पर आवास पास कराया गया था व शिक्षण संस्था की थी।
प्रबंधक द्वारा इस मामले से मुख्यमंत्री एवं जिलाधिकारी जौनपुर को अवगत कराने पर डूडा अधिकारी अनिल वर्मा ने शिकायत की जांच कराई और मामला जनपद न्यायालय जौनपुर में विचाराधीन होने पर रबिसा बेगम का आवास निरस्त करते हुए रिकवरी के लिए कई नोटिस भी भेजी लेकिन महिला होने के कारण स्थानीय जेई को रिकवरी की बजाय वापस ही लौटना पड़ता था। रिकवरी नोटिस महिला लाभार्थी रबिसा बेगम द्वारा बार-बार लेने से इनकार किये जाने पर, उस समय कार्यरत जेई रवि गौतम आदि ने नोटिस उसके मकान के बाहर चस्पा कर मोबाइल से फोटो खींचकर अपने उच्चाधिकारियों को दिया करते थे। विभाग के तमाम प्रयास के बावजूद आज तक रिकवरी नहीं हो पाई।
इधर कुछ दिनों पूर्व जब प्रबंधक द्वारा स्थानीय जे०ई रविकान्त तिवारी से दूरभाष पर संपर्क किया गया तो जे०ई ने बताया कि प्रधानमंत्री शहरी आवास के सी0एल0टी0सी0 एवं डी0सी0 द्वारा नये परियोजना अधिकारी शैलेन्द्र कुमार पी0सी0एस0 के समक्ष तोड़ मरोड़ कर रबिसा का प्रकरण प्रस्तुत किये जाने पर परियोजना अधिकारी के निर्देश पर मुझे सब कुछ जानते हुए रबिसा बेगम के निरस्त आवास दूसरा जियोटैग करना पड़ा। जब प्रबंधक ने जे0ई0 से यह पूछा कि आपको रबिसा के पुराने मकान पर दूसरा जियोटैग करने हेतु कोई पत्र विभाग द्वारा दिया गया है कि आप सिर्फ अपने अधिकारियों के निर्देश पर ही रबिसा के विवादित आवास जियोटैग कर दिया है। इस पर जेई ने कहा कि मुझसे जबरदस्ती जियो टैग कराया गया है कोई अनुमति पत्र नहीं दिया गया है। इस बाबत जब शैलेन्द्र कुमार परियोजना अधिकारी डूडा जौनपुर से मेरे द्वारा सम्पर्क किया गया तो परियोजना अधिकारी और उनकी शहरी आवास की टीम भी कोई जवाब नही दे सकी।
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