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भागवत कथा में प्रवचन सुनाते आचार्य चंद्राशु महाराज। |
नया सवेरा नेटवर्क
मीरगंज,जौनपुर। श्रीमद्भागवत कथा एक अमर कथा है, जो प्राणी इस कथा को सच्चे एव एकाग्र मन से इस कथा का श्रवनपान करता है उसके जीवन में कोई कठिनाई नही आती। सच्चे मन से इस अमर कथा को जो भी जिव सुनते है उनके जीवन में संकट कभी भी नही आता और उनकी कभी अकाल मृत्यु नहीं होती बल्कि उनकी सीधे मुक्ति होती हैं। उक्त वाक्य क्षेत्र के बसेरवा गांव में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के छठवें दिन व्यासपीठ से आचार्य चंद्रांशु महाराज ने अपने सम्बोधन में उपस्थित भक्तो के बीच कही। क्षेत्र के बसेरवा गांव में चल रहे कथा के छठवें दिन कथा व्यासपीठ से महाराज ने कहा कि भागवत कथा ही साक्षात कृष्ण है और जो कृष्ण है, वही साक्षात भागवत है। भागवत कथा भक्ति का मार्ग प्रशस्त करती है। भागवत की महिमा सुनाते हुए कहा कि गलती करने के बाद क्षमा मांगना मनुष्य का गुण है, लेकिन जो दूसरे की गलती को बिना द्वेष के क्षमा कर दे, वो मनुष्य महात्मा होता है। जिसके जीवन में श्रीमद्भागवत की बूंद पड़ी, उसके ह्मदय में आनंद ही आनंद होता है। भागवत को आत्मसात करने से ही भारतीय संस्कृति की रक्षा हो सकती है। भगवान को कहीं खोजने की जरूरत नहीं, वह हम सबके ह्मदय में मौजूद हैं। कार्यक्रम आयोजक सुभाष चंद्र ऊमरवैश्य, मानिक चन्द्र , भोलानाथ उमरवैश्य आये हुए श्रद्धालुओं की सेवाभाव में पलक पावड़े बिछाए रहे। इस अवसर पर कन्हैया लाल ऊमरवैश्य, भोलानाथ ऊमरवैश्य, बबलू, अनिल कुमार, डॉ सतीश, जगदीश कुमार, श्याम बाबू ऊमरवैश्य सहित अन्य सैकड़ो भागवत कथा प्रेमी कथा का रसपान कर रहे हैं।
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