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दीप प्रज्जवलित कर लोक अदालत का शुभारंभ करतीं रीता कौशिक। |
नया सवेरा नेटवर्क
जौनपुर। उप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार जनपद न्यायाधीश अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्रीमती वाणी रंजन अग्रवाल के मार्गदर्शन एवं निर्देशन तथा सचिव पूर्णकालिक जिला विधिक सेवा प्राधिकरण विवेक विक्रम की देखरेख में जनपद न्यायालय परिसर में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का भव्य आयोजन किया गया। श्रीमती रीता कौशिक, प्रधान न्यायाधीश, परिवार न्यायालय द्वारा मॉं सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलित कर लोक अदालत का शुभारम्भ किया गया। इस अवसर पर परिवार न्यायालय के अपर प्रधान न्यायाधीशगण, मोटर दुर्घटना प्रतितोष अधिकरण के पीठासीन अधिकारी, समस्त अपर जनपद न्यायाधीशगण, अध्यक्ष, स्थायी लोक अदालत तथा एवं अन्य समस्त न्यायिक अधिकारीगण उपस्थित रहे। राष्ट्रीय लोक अदालत में विभिन्न न्यायालयों में लम्बित 3796 एवं राजस्व न्यायालयों तथा प्रशासन के अन्य विभागों के 33667 सहित कुल 37463 मामलों का निस्तारित हुए तथा समझौता राशि कुल 131519705 रु पये की हुई। पीठासीन अधिकारी मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण भूदेव सिंह गौतम द्वारा कुल 31 मुकदमें लगाये गये जिनमें 25 वाद निस्तारित किये गये, जिस पर कुल 16826000 रु पये की धनराशि क्षतिपूर्ति याचीगण को दिलायी गयी। पारिवारिक न्यायालयो द्वारा 126 मुकदमों को निस्तारित किया गया जिसमें सायला को 8120000 की समझौता राशि प्रदान करायी गयी। न्यायालय विशेष न्यायाधीश ईसी एक्ट द्वारा विद्युत से सम्बन्धित कुल 137 वाद निस्तारित किये गये। विभिन्न मजिस्टे्रट न्यायालयों द्वारा 2970 शमनीय फौजदारी वादों को निस्तारित किया गया जिनमें 652090 का अर्थदण्ड अधिरोपित किया गया। एन आई एक्ट के 14 मामलें तथा अन्य प्रकार के 405 मामलों का निस्तारण किया गया। सिविल न्यायालय द्वारा कुल 119 मामलों का निस्तारण किया गया जिसमें उत्तराधिकार के मामलों में मु0 6087930 रूपये का प्रमाण पत्र निर्गत किया गया। प्री-लिटिगेशन स्तर पर जिला प्रशासन के विभिन्न विभागों एवं पुलिस विभाग द्वारा भी मामलों का निस्तारण कराया गया, जिसमें राजस्व न्यायालयों फौजदारी के 3167 वादों, राजस्व के 1841 वाद, उपभोक्ता फोरम के 7 मामलों सहित अन्य प्रकार के 27400, बाट माप के 3 मामले एवं नगर पालिका द्वारा जलकर से सम्बन्धित 25 वादों, विद्युत बिल से सम्बन्धित 36 वादों सहित कुल 34805 मामलों का निस्तारण किया गया। प्री-लिटिगेशन स्तर पर वैवाहिक विवादों के निस्तारण हेतु प्राप्त 1 प्रार्थना पत्र का सम्बन्धित पीठ द्वारा समाधान कराया गया। बैंक/ फाइनेंस कम्पनी एवं बीएसएनएल आदि के रिकवरी से सम्बन्धित 1187 प्री-लिटिगेशन वाद निस्तारित किये गये तथा जिसमें 99673384 रु पये का समझौता किया गया। इस प्रकार राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 37463 मामलों का निस्तारण किया गया जिसमें कुल 13,15,19,705 रु पये की धनराशि पर समझौता किया गया।
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