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छायाचित्रकार जलज यादव को उनकी द्वितीय पुण्यतिथि पर किया गया याद।
लखनऊ । कोई भी रचनात्मक व्यक्ति तब तक इस संसार में याद किया जाता रहता है जब तक उसकी रचनात्मकता उसके विचारों के साथ उसकी कृतियां इस संसार में रहती हैं, और कलाकार की कलाकृतियां चिरकाल तक रहती हैं और कलाकार भी चिरकाल तक लोगों के स्मृतियों में रहते हैं। साधारण व्यक्ति इस संसार में रहते हुए सारे कार्य करता है एक रचनात्मक व्यक्ति भी वही करता है लेकिन साधारण व्यक्ति के जैसा रहते हुए भी उसकी कार्यशैली सबसे भिन्न होती है और यही भिन्नता ही साधारण से असाधारण बना देता है। उसका जीना इस बात पर निर्भर नहीं करता कि वह कितने समय तक जीवित रहा, महत्वपूर्ण यह है कि वह कैसे जिया। उसके जीवन यात्रा में उसकी कार्यशैली और उस कलाकार कि कलायात्रा महत्वपूर्ण होती है।
ऐसे ही कुछ यादों और स्मृतियों के साथ रविवार को लखनऊ में युवा छायाचित्रकार जलज यादव को याद किया गया। यह कार्यक्रम ऑनलाइन माध्यम और टेलीफोनिक माध्यम से अलीगंज में अस्थाना आर्ट फोरम, सप्रेम संस्थान और रूपकृति द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कलाकारों व प्रदेश के बाहर के कलाकारों से बातचीत के माध्यम से किया गया। ज्ञातव्य हो कि 23 अक्टूबर 2020 को युवा फोटोग्राफर जलज यादव (8 फरवरी 1990-23 अक्टूबर 2020) पुत्र श्री रमेश चन्द्र यादव की लगभग 30 वर्ष की उम्र में आकस्मिक निधन हो गया था। वे 30 वर्ष के थे और जलज मूल रूप से इलाहाबाद के रहने वाले थे।
जलज को याद करते हुए चित्रकार,क्यूरेटर भूपेंद्र अस्थाना ने जलज के साथ अंतिम दिनों कि यादों को साझा करते हुए बताया कि जलज कहते थे कि " फोटोग्राफी में मुझे नए आयामों की खोज करना अच्छा लगता है। मेरी फोटोग्राफी सबसे पहले सड़क से शुरू हुई जहाँ विषय व्यापक और खुले रूप में मिल जाते हैं। मुझे लगता है मेरे लिए फोटोग्राफी में मेरे स्वयं का विस्तार है। कला वह नहीं जो आप देखते हैं। मैं चीजों को करीब से देखता हूँ और उसे महसूस करता हूँ और अपने फोटोग्राफी का हिस्सा बनाता हूँ। मैं यही चाहता हूँ कि मैं अपने फोटोग्राफ में जो महसूस करता हूँ दर्शक भी उसे महसूस करे " । जलज यादव के चित्र सामान्य होते हुए भी एक अलग दृष्टिकोण की झलक मिलती है। जिसे दर्शकों को एक बार फिर से सोचने को मजबूर करती है।चित्र दर्शकों से संवाद करती है। जलज के बड़े भाई चित्रकार धीरज यादव ने जलज के जीवन पर चर्चा करते हुए बताया कि जलज ने दुर्गा,ईमारत ,स्ट्रीट,स्टिल लाइफ,नेचर आदि सीरीज पर बहुत काम किया है। दुर्गा की मूर्ति बनाते हुए उन स्थानों पर जा कर अपने विचारों के साथ फोटोग्राफी की है। जो बहुत ही अद्भुत दृश्य प्रस्तुत करतीं हैं। जो आज तमाम गैलरियों और प्रदर्शनियों में चयनित हुईं और हो रही हैं। नई दिल्ली के धूमिमल आर्ट गैलरी के 30वीं रवि जैन स्मारक फाउंडेशन और राष्ट्रिय ललित कला अकादमी नई दिल्ली के वार्षिक प्रदर्शनी मे छाया चित्रों को चयनित किया गया जिसकी प्रदर्शनी भी लगाई गई। उनके छाया चित्रों पर पोर्टफोलियो भी प्रकाशित किये गए हैं साथ ही कॉफी टेबल बुक बनाने की भी तैयारी चल रही है। चूँकि जलज एक युवा कलाकार थे तो इसलिए रूपकृति के माध्यम से युवा,जरूरतमन्द,आर्थिक समस्या से जूझते कलाकारों को प्रोत्साहित करने के लिए कला सामाग्री,आर्थिक सहयोग आदि जलज यादव के स्मृतिदिवस पर 2020 से लगातार तमाम कला गतिविधियों का आयोजन किया जाता रहा है। फरवरी 2022 में जलज के 32वीं जन्मदिवस पर एक विशेष कार्यक्रम "कला प्रोत्साहन" का आयोजन किया गया। इस आयोजन के माध्यम से एक युवा चित्रकार अजय यादव जो कि ब्लड कैंसर से पीड़ित हैं, को उनकी कला के प्रति समर्पित भाव को देखते हुए दो महीने की आर्टिस्ट इन रेसिडेंसी प्रदान किया गया। इस रेसिडेंसी में अजय को प्रमाण पत्र, अंगवस्त्र, 5000₹ धनराशि और कला सामग्री प्रदान किया गया था।
कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के आलावा गुजरात,महाराष्ट्र,असम,नई दिल्ली,झारखण्ड आदि स्थानों से लोगों ने अपने भावभीनी श्रद्धांजलि अपने शब्दों में सन्देश के रूप में साझा किये। जस्टिस राकेश शर्मा, वरिष्ठ चित्रकार अखिलेश निगम, भारवि त्रिवेदी,बिनॉय पॉल,अनिल बोडवाल, राहुल यादव,अमित,मनीषा कुमारी,पंकज यादव ,गिरीश पांडेय,रतनकांत प्रिया, रमेश चंद्र यादव,नीरज यादव, अमित ढाने,मनोज शर्मा,पूजा यादव , क्रांति सिंह, संगीता यादव,धीरेन्द्र सिंह यादव,नीलिमा यादव ,डॉ अनिल यादव,ऋषभ पोरवाल,लाजु चुगानी, मनीष चुगानी,डॉ वत्सला यादव , धर्मेंद्र अस्थाना , मनीषा श्रीवास्तव आदि के भाव श्रद्धांजलि रूप में शामिल हुए।
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