विजेता को उपहार देकर सम्मानित करते मुख्य अतिथि। |
नया सवेरा नेटवर्क
मानस मणि संधान प्रतियोगिता सम्मान समारोह का हुआ आयोजन
सुइथाकलां,जौनपुर। लंकादहन प्रसंग में लंका के निशाचर हनुमान जी का उपहास करते है,उन पर पैरों से प्रहार करते है लेकिन हनुमान जी राम काज से विचलित नही होते। उक्त उदबोधन मानस मर्मज्ञ डॉ.मदन मोहन मिश्र ने तिलक स्मारक इण्टर कालेज अमावां खुर्द ईशापुर में आयोजित मानस मणि संधान प्रतियोगिता के सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में कही। डॉ.मिश्र अपने उबोधन में राम मित्र मण्डल को साधुवाद देते हुए कहा कि राम काज में निन्दा से भयभीत नही होना चाहिए। राम चरित मानस हिमालय से ऊंचा सागर से गहरा तथा मर्यादा,आदशर््ा,नम्रता और सहनशीलता का प्रतिरूप है। प्रतियोगिता सम्मान समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित प्रमुख प्रतिनिधि डॉ.उमेश चन्द्र तिवारी,पूर्व प्रधानाचार्य डॉ.रणजीत सिंह,एवं आर.पी.सिंह द्वारा वाक्देवी सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण,धूप दीप,प्रज्ज्वलन के उपरांत कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ। विद्यालय की छात्रा आरूषि,योगिता एवं पारूल द्वारा संयुक्त रूप से सरस्वती वन्दना की प्रस्तुति की गयी।कार्यक्रम में मानस वन्दना एवं स्वागत उदबोधन पत्रकार डॉ.प्रदीप दूबे ने किया। प्रतियोगिता में प्रतिभागी विजेता को मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथियों द्वारा मंगल ग्रन्थ,देव प्रतिमा,लेखनी,धनराशि आदि प्रदान कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष हरिश्चन्द्र सिंह तथा संचालन डॉ.सर्वेश कुमार मिश्र व आगन्तुक अतिथियों का आभार प्रधानाचार्य दिनेश चन्द्र यादव ने प्रकट किया। इस अवसर पर विद्यालय के शिक्षक डॉ.दिनेश सिंह, ठाकुर प्रसाद तिवारी सहित विद्यालय के बच्चे एवं राम मित्र मण्डल के सभी सदस्य उपस्थित रहे।
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