प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक नवंबर को राजस्थान के बांसवाड़ा जिले के मानगढ़ धाम का दौरा करेंगे। वह स्वतंत्रता संग्राम के गुमनाम आदिवासी नायकों और शहीदों के बलिदान को श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित हो रहे सार्वजनिक कार्यक्रम - ‘मानगढ़ धाम की गौरव गाथा’ में शामिल होंगे। प्रधानमंत्री इस कार्यक्रम में भील स्वतंत्रता सेनानी श्री गोविंद गुरु को श्रद्धांजलि देंगे और भील आदिवासियों तथा क्षेत्र के अन्य आदिवासी समुदाय के लोगों की जनसभा को भी संबोधित करेंगे।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, केंद्र सरकार ने आजादी का अमृत महोत्सव पहल के तहत स्वतंत्रता संग्राम के गुमनाम आदिवासी नायकों को याद करने के लिए कई कदम उठाए हैं। इनमें 15 नवंबर (बिरसा मुंडा की जयंती) को ‘जनजाति गौरव दिवस’ के रूप में घोषित करना भी शामिल है। मानगढ़ की पहाड़ी भील समुदाय और राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश की अन्य जनजातियों के लिए विशेष महत्व रखती है। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान जहां भील और अन्य जनजातियों ने लंबे समय तक अंग्रेजों से लोहा लिया। 17 नवंबर 1913 को श्री गोविंद गुरु के नेतृत्व में 1.5 लाख से अधिक भीलों ने मानगढ़ पहाड़ी पर सभा की। इस सभा पर अंग्रेजों ने गोलियां चलाईं, जिससे मानगढ़ नरसंहार हुआ जहां लगभग 1500 आदिवासी शहीद हुए।
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