Mumbai News : भारतीय साहित्य और सिनेमा विषयक संगोष्ठी संपन्न | Naya Savera Network



नया सवेरा नेटवर्क

मुंबई। हिन्दुस्तानी प्रचार सभा के तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय सेमीनार में भारतीय साहित्य और सिनेमा विषय पर चर्चा हुई। इस दौरान वैश्विक सिनेमा और बांग्ला साहित्य में सिनेमा के योगदान विषय पर बोलते हुए इंद्रजीत सिंह ने कहा - “सिनेमा छोटी आँखों से बड़े सपने देखने का साहस देता है।” प्रथम सत्र कि अध्यक्षता करते हुए प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक नितिन भास्कर ने कहा कि सिनेमा और साहित्य दोनों अलग विधाएँ हैं। सिनेमा में साहित्य और साहित्य में सिनेमा की तलाश हमें नहीं करनी चाहिए।




इसी क्रम में संतोष पाठारे ने कहा कि कथा लिखना जितना सर्जनाशील कार्य है, उतना ही उस कथा को सिनेमा में पुनर्सृजन करना है। हार्दिक भट्ट, श्रीकांत वर्मा, यूनुस खान, रवींद्र कात्यायन तथा रेखा खान ने पिंक और कहानी जैसी फिल्मों का विशेष संदर्भ देते हुए महिला सशक्तीकरण और फ़िल्मों पर अपने विचार व्यक्त किया। जितेंद्र भाटिया ने मूक फ़िल्मों के अलिखित इतिहास का पॉवरपॉइंट प्रेजेंटेशन दिया व अविनाश दास ने अध्यक्षता करते हुए कहा कि सिनेमा और साहित्य के विविध पक्षों पर अपनी राय प्रस्तुत करते हुए सिनेमा जगत के उन लोगों पर केंद्रित ग़ज़ल सुनाई जो परदे के पीछे रह जाते हैं।

कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत न्यासी अरविन्द डेगवेकर ने किया तथा डॉ रीता कुमार ने सभा के बारे में अपने विचारों से श्रोताओं को अवगत कराया व कार्यक्रम का संचालन सभा के परियोजना समन्वयक राकेश कुमार त्रिपाठी ने किया।





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