नया सवेरा नेटवर्क
हाईकोर्ट ने 2004 से ही दक्खिनपट्टी में चकबंदी पर लगा रखी है रोक
कोर्ट के आदेश को ठेंगा दिखाते हुए फिर शुरू हुई चकबंदी प्रक्रिया
जौनपुर। चकबंदी विभाग खुलेआम न सिर्फ किसानों का शोषण कर रहा है बल्कि मनमानी धन उगाही के साथ भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहा है। हालत यह है कि माननीय उच्च न्यायालय के आदेशों की भी अवहेलना करते हुए चकबंदी प्रक्रिया के बहाने खुलेआम मनमानी की जा रही है। उक्त आरोप हिन्दुस्तान मानवाधिकार संगठन के जनरल सेक्रेटरी वकार हुसैन का है। इस संबंध में उन्होंने उत्तर प्रदेश शासन, मुख्यमंत्री पोर्टल व जिलाधिकारी को पत्र भेजकर मामले की जांच कराने और दोषी चकबंदी कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी की है। उन्होंने करंजा ब्लॉक के दक्खिनपट्टी गांव का मामला उठाते हुए भेजे गये पत्रों में कहा है कि चकबंदी विभाग खुलेआम किसानों से धन उगाही और शोषण कर रहा है। किसानों को बुलाकर चकबंदी कर्मी मनमाफिक जगह उनकी चक बैठाने,जमीन की मालियत में हेरफेर का प्रलोभन देकर जमकर धन उगाही की जा रही है जबकि इस गांव की चकबंदी प्रक्रिया पर सन 2004 मंे माननीय उच्च न्यायालय ने पूरी तरह रोक लगा रखी है लेकिन माननीय न्यायालय के आदेश को ठंेगा दिखाते हुए चकबंदी कर्मी फिर से चकबंदी प्रक्रिया शुरू कर फार्म छह का वितरण कर रहे हैं और शाजिश के तहत उपजाऊ भूमि की मालियत कम और कम उपजाऊ भूमि की मालियत अधिक दिखाने,तरमीम व विरासत में खेल खेलने का प्रलोभन देते हुए किसानों और आम नागरिकों से बड़े पैमाने पर धन उगाही कर लेते हैं। इतना ही नहीं जमीन की कटौती को बचाने, आबादी आदि कटवाने के नाम पर बीस से पच्चीस हजार रूपये तक की वसूली की जा रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश शासन व उनके पोर्टल के साथ जिलाधिकारी को भी पत्र लिखकर पूरे मामले से अवगत कराते हुए प्रकरण की जांच कराने तथा किसानों का शोषण रोकने के साथ ही दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
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