नया सवेरा नेटवर्क
मुंबई । उत्तर भारतीयों की प्रतिनिधि राष्ट्रीय सामाजिक, शैक्षणिक और सांस्कृतिक संस्था उत्तर भारतीय महासंघ ने अपनी स्थापना के गौरवपूर्ण 28 वर्ष पूरे कर लिए। इस अवसर पर आज राजभवन में एक भव्य सम्मान समारोह आयोजित किया गया इस अवसर पर राज्यपाल ने उत्तर भारतीय महासंघ के अध्यक्ष डॉ योगेश दुबे को विशेष सम्मान से नवाजा । महाराष्ट्र के प्रथम नागरिक भगतसिंह कोश्यारी ने इस कार्य के लिए उत्तर भारतीय महासंघ और उसके संस्थापक डॉक्टर योगेश दुबे की भूरि – भूरि प्रशंसा करते हुए कहा कि यह एक गौरवशाली पल है, जब मेरे हाथों समाज के अलग – अलग क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले लोगों को सम्मानित किया गया। डॉक्टर योगेश दुबे के नाम का मतलब होता है योग अर्थात जोड़ना। अपने नाम के अनुरूप ही वे अपनी संस्था उत्तर भारतीय महासंघ और साहित्य गंगा के माध्यम से आप सभी सम्मानित विभूतियों के साथ सारे समाज को जोड़ रहे हैं। यह हमारी संस्कृति ही है जो हम सभी को एक दूसरे से जोड़कर रखती है। फिर चाहे हम देश के किसी भी प्रांत में हों। महाराष्ट्र ने हम सभी को बहुत सम्मान दिया है। राज्यपाल ने कहा कि यह एक गौरवशाली पल है। इस अवसर पर डॉक्टर योगेश दुबे ने कहा की महाराष्ट्र की संस्कृति को बढ़ाने के लिए हम सभी प्रतिबद्ध हैं। भविष्य में भी हम समाज और महाराष्ट्र के बीच सेतु का काम करते रहेंगे। उत्तर भारतीय समाज और साहित्यकारों के लिए गौरव की बात है कि यह कार्यक्रम आज राजभवन में हो रहा है। इस अवसर पर समाज की विभिन्न विभूतियों को राज्यपाल के हाथों समाज के विभिन्न क्षेत्रों में अपना अतुलनीय योगदान देने के लिए उत्कृष्टता अवार्ड से सम्मानित किया गया। जिनमें पत्रकारिता, समाजसेवा, उद्योग जगत और कला क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करनेवालों का समावेश है। सम्मानित होने वाली विभूतियों में सुनील शर्मा, ओपी व्यास, गिरीश मिश्र, वरिष्ठ पत्रकार राकेश दुबे, अरुण गुप्ता, डॉ. अमीन मोमिन, अनिल मिश्र, विनोद पांडेय, रौनक पटेल, उमा आहूजा, डॉ राजेश ,वोकहार्ड हॉस्पिटल, राजभाषा परिषद व अन्य प्रमुख हैं। कार्यक्रम में महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और विधायक राज के पुरोहित समेत विभिन्न क्षेत्र की गणमान्य हस्तियां मौजूद थीं।
कार्यक्रम का संचालन शैलेन्द्र भारती ने किया और महासंघ के राष्ट्रीय महासचिव रमेश मिश्रा ने राज्यपाल सहित आई हुई सभी विभूतियों का आभार व्यक्त किया।
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