यातनाएं झेलकर वापस वतन को लौटा सऊदी में फंसा युवक | #NayaSaberaNetwork
- गांव पहुंचते ही ढोल नगाड़ों से हुआ स्वागत, उतारी गई आरती
चेतन सिंह
बरसठी, जौनपुर। अपने परिवार को समस्याओं से उबारने का सपना संजोए सऊदी अरब में कर्ज लेकर नौकरी करने गया युवक आखिरकार चार माह बाद सही सलामत अपने वतन लौट आया है। चतुर्भुजपुर गांव के इस लाल के लिए यह क्षण बेहद भावुक था जब वह घर पहुँचकर अपने परिवार से मिला। मूकबधिर माँ और बूढ़े पिता को तो यकीन ही नही था की वह अपने इकलौते लाडले को अपने पास देख रही है। गांव पहंुचते ही सभी ने विपिन का ढोल नगाड़ों से भव्य स्वागत किया। माँ ने अपने लाडले को तिलक लगाकर कंपकपाते हाथों से उसकी आरती उतारकर गले लगा लिया तो मानो ऐसा लग रहा था कि, विपिन का पुर्नजन्म हुआ हो। शनिवार को युवक ने विदेश भेजने से लेकर वहां मुसीबत झेलने तक की कहानी सुनाई तो रोंगटे खड़े हो गए। परिजन और पीड़ित युवक ने क्षेत्रीय पत्रकारों, सहयोगियों और भारतीय दूतावास का आभार व्यक्त किया।
बरसठी विकास खंड के चतुर्भुजपुर गांव के सुरेंद्र सिंह उर्फ बुलबुल के 28 वर्षीय बेटे विपिन सिंह 8 अप्रैल 2022 को सऊदी अरब ब्याज पर कर्ज लेकर नौकरी करने गया था। लेकिन वहां पहंुचते ही उसे तामील दस्तानी नामक सेठ के यहां बंधक बना लिया गया और जबरन भेड़, बकरी, ऊंट चरवाया जाने लगा। होटल में वेटर का काम करने के लिए गए विपिन ने जब बकरी चराने के काम का विरोध किया तो उसको प्रताड़ित करते हुए रोज पिटाई शुरू कर भोजन-पानी बंद कर दिया गया। विपिन ने बताया कि उसको महराजगंज निवासी सुनील और गोरखपुर निवासी अहमद नामक दो एजंटों ने उसे मानव तस्करी के रूप मे सऊदी निवासी तामील नामक सेठ के यहां बेच दिया था। जब मई माह में सेठ तामील की क्रूरता अधिक बढ़ गई तो वह किसी तरह अपनी आपबीती का वीडियो बनाकर गांव के कुछ युवकों को भेजकर मदद की गुहार लगाई। बेटे की प्रताड़ित होने का वीडियो वायरल होने से युवक की 45 वर्षीय मूकबधिर माँ और बूढ़े पिता के पैरों तले जमीन खिसक गई। परिजन मीडिया समेत प्रशासनिक अधिकारियों को लिखित शिकायत कर खाड़ी देश मे फंसे युवक को स्वदेश लाने की गुहार लगाने लगे। जिसके बाद 5 जुलाई को राष्ट्रीय सहारा ने 'कर्ज लेकर नौकरी की ख्वाहिश में सऊदी अरब गया युवक फंसा' नामक शीर्षक को प्रमुखता से प्रकाशित कर मामले को विदेश मंत्रालय से लेकर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, भारतीय रियाद एम्बेसी सहित तमाम स्थानों पर मेल व ट्वीट कर युवक की सऊदी में फंसने की बात संज्ञान लाया।
शनिवार को युवक के घर पहुंचने पर पूरे गांव में जश्न का माहौल देखते ही बन रहा था। आसपास के सैकड़ो लोगो का पीड़ित युवक को देखने के लिए तांता लगा हुआ था। सऊदी से लौटे विपिन ने बताया कि, तामील दस्तानी के यहां कार्य करते समय वही के एक युवक ने मुझे 100 रियाल देकर भारतीय रियाद एम्बेसी तक जाने में मेरी मदद किया जब सेठ घर पर नही था। मैंने वहां से लगभग 140 किलोमीटर पैदल और सड़क पर चल रहे वाहनों से लिफ्ट लेकर एम्बेसी तक पहुंचकर अपनी पीड़ा बताई की, सेठ ने हमारा पासपोर्ट और जरूरी कागजात छीन लिया है। खबरों और शिकायतों को संज्ञान में लेकर विपिन का पहले ही एम्बेसी तलाश कर रही थी उसे देखते ही एम्बेसी ने तत्काल वाई श्रेणी का पासपोर्ट और वीजा का फाइनल एक्जिट बनाकर इस्पांसन्सर कंपनी को फटकार लगाकर टिकट का प्रबंध करवाया जिसके बाद भारत भेजने की तैयारी शुरू किया गया और फोर्स के साथ एयरपोर्ट छोड़ा गया। विपिन ने बताया कि भारतीय दूतावास ने मेरी बहुत मदद की और अंतत: छत्तीस घण्टे बाद लखनऊ से अपने घर पहुंचा। स्वदेश लौटे विपिन सिंह ने कहा कि, मैं मजदूरी करके अपना और परिवार का पेट पाल लूंगा लेकिन बाहर जाने के लिए अब कभी नही सोचूंगा उसने बताया कि भारत जैसा कोई देश नहीं है यहां खुली आजादी है जबकि वहां डरकर रहना पड़ता है।
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