हाजी कुतबुद्दीन को पेसमेकर के जरिए मिली नई जिंदगी | #NayaSaberaNetwork
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अल्ज़फर हॉस्पिटल में डॉ उतपल ने सर्जरी कर लगाया
खेतासराय,जौनपुर। स्थानीय थाना क्षेत्र के बाराकला गांव निवासी हाजी कुतबुद्दीन का क़स्बे के अल्ज़फर हॉस्पिटल में पेसमेकर प्रत्यारोपण का कार्य सफलतापूर्वक ऑपरेशन द्वारा किया गया। उनकी ह्मदय गति कम होने पर पेसमेकर लगाकर उन्हें नई जिंदगी मिली है। अमूमन यह सेवा जि़ले में न होने की वजह से लोगों महानगरों का चक्कर लगाना पड़ता था। यहाँ पेसमेकर का प्रत्यारोपण करने वाले डीएम कार्डियोलॉजी डॉ उत्तपल कुमार ने बताया कि यह डिवाइस उन लोगों के लिए मददगार होती है जिनकी ह्मदय गति कम होती है। आमतौर पर इंसान की हार्ट मोमेंट 60 से 100 के बीच होती है। यदि ह्मदय गति 40 प्रति मिनट से भी कम होतो चक्कर और और आँखों के सामने अंधेरा छा जाता है। यहाँ तक बेहोशी का .खतरा रहता है। समय पर ईलाज न होने पर जान भी गंवानी पड़ सकती है। पेसमेकर ही ह्मदय गति को रेगुलेट कर सकती है। 84 वर्षीय हाजी कुतबुद्दीन की दिल की धड़कन अब सामान्य है। हॉस्पिटल के प्रबंध निदेशक डॉ मोहसिन खान ने बताया कि अब तक पेसमेकर प्रत्यारोपण बड़े महानगरों तक ही सुविधा मिलती रही। अब यहाँ भी यह सुविधा उपलब्ध होने से मरीजों को दूर नहीं जाना पड़ेगा। पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि पेसमेकर एक छोटा सा उपकरण होता है। जब हार्ट सही से काम नही करता है और फेल होने लगता है तो दिल की धड़कन को सामान्य करने के लिए पेसमेकर का सहारा लिया जाता है। पेसमेकर को रिचार्ज करने के लिए बैटरी को निश्चित समय पर बदलना पड़ता है। यह ह्मदय की मांसपेशियों को संकेत भेजता है।
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