वाजिबात को अदा करने में कोताही माफ नहीं:मौलाना हैदर अब्बास | #NayaSaberaNetwork
नया सबेरा नेटवर्क
नगर के बलुआघाट में मजलिसे चेहलुम का हुआ आयोजन
जौनपुर। नगर के बलुआघाट के रीठी तला इमामबाड़े में शनिवार की रात शायरे अहलेबैत डॉ.इंतजार मेंहदी शोहरत जौनपुरी की मां मरहूमा नसीम फातमा की चालीसवें की मजलिस संपंन हुई। मजलिस को खेताब करते हुए लखनऊ से आये मौलाना सैयद हैदर अब्बास ने कहा कि हर इंसान के लिए उसके वालेदैन अल्लाह की दी हुई सबसे बड़ी नेमत हैं इसलिए वालदैन की खिदमात और उनके हुकूक अदा करने में जरा सी भी लापरवाही नहीं होनी चाहिए क्योंकि वालेदैन के साथ नाइंसाफी किये जाने की सूरत में अल्लाह सबसे ज्यादा नाराज होता है और ऐसे लोगों को दुनिया में ही सजा भी दे देता है। इसलिए प्रत्येक औलाद को चाहिए कि अनिवार्य रूप से मां बाप की खिदमत करें और इसमें तनिक भी कोताही न करें जिसका इस्लाम और शरियते मोहम्मदी में खासतौर से हुक्म दिया गया है। उन्होंने कहा कि मां बाप के दुनिया से चले जाने के बाद जितना भी हो सके उनके लिए पुण्य का काम करते रहें और ऐसा कोई भी काम न करें जिससे मैदाने महशर में आप के किये गये कार्यों की वजह से आपके वालेदैन को शर्मिंदा होना पड़ा। इसके अलावा इस्लाम में जितने भी वाजिबात हैं उन्हें भी सही समय पर खुलूस नीयत के साथ अदा करने के लिए जोर देते हुए उन्होंने कहा कि अक्सर ऐसा देखा जाता है कि लोग नमाज के वक्त कोताही करते हैं जबकि नमाज को अव्वल वक्त पर अदा करना सबसे बेहतर है यह बात दीगर है कि कभी काल किसी परेशानी की वजह से अव्वल वक्त पर नमाज की अदायगी न हो पाये लेकिन कोशिश ये करनी चाहिए कि प्रत्यके दिन पंजगाना नमाज को उसके निर्धारित समय पर अदा करें। इसी प्रकार हज, रोजा, खुम्स और जकात अदा करने में भी तनिक भी लापरवाही व देरी न करें क्योंकि इससे खुदा नाराज होता है। और खुदा की नाराजगी आदमी के लिए अजाब का सबब बनती है। इससे पूर्व सोजखानी गौहर अली जैदी व उनके हमनवा ने किया जबकि पेशखानी हसन फतेहपुरी, नजफ बबरखवी, जफर नसीराबादी ने किया। मजलिस के बाद जनपद मुजफ्फरनगर से आये काशिफ ककरौलवी ने अपना पुरदर्द नौहा पेश किया। इस मौके पर सैकड़ो अजादार मौजूद रहे। आभार डॉ.इंतजार मेंहदी, नेहाल मेंहदी व कैफी रिजवी ने प्रकट किया। संचालन सैयद अब्बास काजमी ने किया।
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