झमाझम बारिश से किसानों के चेहरे खिले, लोगों ने ली राहत की सांस | #NayaSaberaNetwork
नया सबेरा नेटवर्क
लंबे इंतजार के बाद बुधवार की शाम शुरू हुई मानसून की बारिश
जौनपुर। गर्मी से छटपटाने वाले लोगों के लिए बुधवार की शाम राहत भरी रही। दिन भर की उमस के बाद शाम होते ही झमाझम बरसे मेघा और उमस से लोगों को सुकून मिला वहीं किसानों के चेहरे भी इस बारिश से खिल गये। करीब दो घंटे तक रूक रूक कर हुई बारिश के बाद मौसम में पूरी तरह बदलाव देखने केा मिला। किसानों का कहना है कि देर से ही सही लेकिन झमाझम हुई बारिश से उनकी धान की फसल को अब बचाया जा सकेगा। यह बात दीगर है कि मक्के की फसल बर्बाद हो चुकी है।
गौरतलब हो कि जून महीने में मानसून पूर्व हुई बारिश के बाद से जिले में त्राहि त्राहि मची हुई थी। मौसम विज्ञानियों द्वारा जारी कि ये गये बार बार के आकलन सत्यता की कसौटी पर खरे नहीं उतर रहे थे और पूरे जिले में लोग उमस भरी गर्मी से जूझ रहे थे। जून का महीना गुजर जाने के बाद लोगों को यह उम्मीद थी कि जुलाई माह में बारिश जरूर होगी लेकिन देखते ही देखते जुलाई का भी एक पखवारा बीत गया। इस दौरान मंगलवार से बादलों की आवाजाही शुरू हुई और हवा ने अपना रूख बदला, पुरवई हवा के बजाये पश्चिमी हवा चली और बुधवार की शाम करीब साढ़े चार बजे झमाझम बारिश का सिलसिला शुरू हो गया। हलांकि जिले में इस बारिश के लिए लोग अपने अपने ढंग से पूजा पाठ नमाज के अलावा टोने टोटके भी कई दिनों से कर रहे थे। बुधवार को हुई बारिश के बाद एक तरफ जहां भारी गर्मी और उसम से लोगों को राहत मिली वहीं किसानों के चेहरे भी खिल उठे क्योकि मक्के की फसल बर्बाद होने के बाद कलेजे पर पत्थर रखकर किसानों ने पहले से डाली हुई धान की नर्सरी की रोपाई भी राम भरोसे कर दी थी। इधर बुधवार की शाम जब बारिश शुरू हुई तो किसानों के चेहरे पर मानों विजयी मुस्कान झलक रही थी। किसानों का कहना है कि मक्के की फसल तो नहीं बच सकी लेकिन अगर आगे भी बारिश का सिलसिला जारी रहा तो उनकी धान की फसल बच सकती है।
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