उज्जैन में विधि-विधान से हुई बाबा महाकाल की भस्म आरती | #NayaSaberaNetwork
नया सबेरा नेटवर्क
14 जुलाई से सावन मास की शुरुआत हो गई है और आज सावन का पहला सोमवार है। हिंदू धर्म में सावन मास का विशेष महत्व है। कहा जाता है कि सावन मास भगवान शिव का सबसे प्रिय महीना होता है। इस पूरे महीने हर तरफ हरियाली खिल उठती है। इस महीने भगवान शिव की अराधना करने पर मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। सावन मास की शुरुआत ही विषकुंभ और प्रीती जैसे योग के साथ हुई है। सुबह से ही देशभर के शिव मंदिरों में भक्तों का तांता लगा हुआ है।
मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित महाकालेश्वर मंदिर में रात के 2 बजे से ही बाबा महाकाल के दर्शन के लिए श्रद्धालु कतार में लगे दिखाई दिए। सुबह 2:30 बजे बाबा महाकाल की भस्म आरती शुरू हुई। जिसके दर्शन के बाद बाबा की भक्ति में खूब जयकारे लगे। इस दौरान महाकाल का जल से नहलाकर दूध, दही, घी, शहद व फलों के रसों से महापंचामृत अभिषेक हुआ।
झांझ-मंजीरे, ढोल-नगाड़े व शंखनाद के साथ बाबा की भस्म आरती पूरे विधि विधान से पूरी हुई। राजस्थान भर के शिवालयों में सावन के पहले सोमवार पर श्रद्धालुओं व कांवड़ियों की भीड़ रही। राजधानी जयपुर के झारखंड महादेव, ताड़केश्वर, रोजगारेश्वर सहित सभी मंदिरों व शिवालयों में सुबह से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया। श्रद्धालुओं ने ‘बम भोले’ की गूंज के साथ शिवलिंग पर रुद्राभिषेक, जलाभिषेक, दुग्धाभिषेक किया और बेल पत्र, आकड़े के फूल की माला और गुलाब के फूल अर्पित किए। बड़ी संख्या में कांवड़िए गलता कुंड में जल लेने पहुंचे।
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