राज्यसभा में जनगणना को समवर्ती सूची में शामिल करने की उठाई गई मांग | #NayaSaberaNetwork
नया सबेरा नेटवर्क
नयी दिल्ली। राज्यसभा में बुधवार को द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के एक सदस्य ने जनगणना को संघीय सूची से समवर्ती सूची में शामिल करने की मांग की ताकि राज्य जाति और समुदायों के संबंध में आंकड़े एकत्र कर सकें। द्रमुक सदस्य पी. विल्सन ने विशेष उल्लेख के जरिए यह मांग की और कहा कि 1931 के बाद से अब तक कोई जाति आधारित जनगणना नहीं हुई है।
उन्होंने कहा कि 2015 में केंद्र सरकार द्वारा एकत्र किए गए आंकड़े अभी तक नहीं जारी किए गए हैं। उन्होंने कहा कि जनगणना का अधिकार केवल केंद्र को है क्योंकि यह संघ का विषय है। उन्होंने कहा कि देश में सबसे बड़ा समुदाय आंकड़ों के अभाव में शिक्षा और रोजगार में वैध हिस्सेदारी से वंचित रह जाता है। इसलिए जनगणना को समवर्ती सूची में स्थानांतरित करना आवश्यक है।
विशेष उल्लेख के जरिए ही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की फौजिया खान ने फलों और सब्जियों में ‘माइक्रोप्लास्टिक’ की मौजूदगी से जुड़ा मुद्दा हुआ। उन्होंने अफसोस जताया कि भारत में ‘माइक्रोप्लास्टिक’ को लेकर बहुत कम अध्ययन किया जा रहा है।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के इलामरीम करीम ने मालाबार विद्रोह के 387 लोगों से जुड़ा मुद्दा उठाते हुए कहा कि भारत सरकार द्वारा उन्हें स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों की सूची से हटाने का फैसला किया गया है। विशेष उल्लेख के जरिए ही कई अन्य सदस्यों ने भी लोक महत्व के अलग-अलग मुद्दे उठाए।
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